भारत सरकार इलेक्ट्रिक वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए पूरे देश में चार्जिंग नेटवर्क बनाने जा रही है। चार्जिंग स्टेशन बनाने के लिए सरकार अब आर्थिक तौर पर मदद भी करेगी। भारत सरकार के भारी उद्योग मंत्रालय को इसका जिम्मा सौंपा गया है। चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए इच्छुक व्यक्ति मंत्रालय से संपर्क कर सकते हैं।
पहले चरण में 1000 चार्जिंग स्टेशन
खबरों के मुताबिक पहले चरण में देशभर में 1000 चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे और प्रत्येक चार्जिंग स्टेशन पर छह चार्जर होंगे। गणना के मुताबिक इन एक हजार स्टेशंस पर इनमें से कई चार्जिंग स्टेशंस पर फास्ट चार्जर की भी सुविधा होगी।
देनी होगी ऑनलाइन सुविधा
मंत्रालय के मुताबिक इन चार्जिंग स्टेशंस को किसी निजी जगह या सार्वजनिक जगहों पर लगाया जा सकेगा और सरकार इसके लिए सब्सिडी मुहैया कराएगी। वहीं सरकार की यह भी शर्त है कि इसके लिए ऑनलाइन सुविधा भी देनी होगी, ताकि इलेक्ट्रिक गाड़ियों के ग्राहक ऑनलाइन अपाइंटमेंट ले सकें। रिपोर्ट्स के मुताबिक चार्जिंग के लिए बिजली की सुविधा किसी भी बिजली डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी से ली जा सकेंगी और बिजली कंपनियां लागत का 15 फीसदी अतिरिक्त चार्ज कर सकेंगी।
20 अगस्त है आखिरी तारीख
वहीं इन चार्जिंग स्टेशंस पर 6 चार्जर होंगे, जिनमें 3 चार्जर फास्ट चार्जिंग को सपोर्ट करेंगे। इनकी खासियत होगी कि ये मात्र आधा घंटे में गाड़ी को फुल चार्ज कर देंगे। सब्सिडी वाले चार्जिंग स्टेशन लगाने के लिए आवेदक 20 अगस्त तक आवेदन कर सकेंगे और चुने हुए आवेदकों को 9 माह के भीतर सेटअप तैयार करना होगा। वहीं चार्जिंग स्टेशन शुरू करने के लिए अंतिम सहमति बिजली वितरण कंपनी की होगी।
नोएडा में 100 चार्जिंग स्टेशन
इनमें सबसे ज्यादा चार्जिंग स्टेशन 10 से 40 लाख तक की आबादी वाले शहरों में लगाए जाएंगे। हाल ही में उत्तर प्रदेश के नोएडा जिले में चार्जिंग स्टेशन का इंफ्रास्ट्रक्चर खड़ा होने जा रहा है। गौरतलब है सरकारी कंपनी एनर्जी एफिशिअंसी सर्विसेज लिमिटेड (ईईएसएल) ने इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए न्यू ओखला इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट अथॉरिटी (नोएडा) के साथ समझौता किया है। जिसके तहत नोएडा में तकरीबन 100 चार्जिंग स्टेशन लगाए जाएंगे।इस समय दिल्ली-एनसीआर में आम जनता के लिए इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने के लिए 20 चार्जिंग स्टेशंस हैं। वहीं सरकारी गाड़ियां को चार्ज करने के लिए प्रधानमंत्री कार्यालय में सबसे ज्यादा 15 इलेक्ट्रिक चार्जिंग स्टेशन हैं, इसके बाद नीति आयोग और वित्त मंत्रालय का नंबर है, यहां पर 10 चार्जिंग स्टेशंस हैं। वहीं संसद भवन में सात, ऊर्जा मंत्रालय में पांच, पर्यावरण मंत्रालय में पांच, राष्ट्रपति भवन में चार, विदेश मंत्रालय में 3 और दिल्ली स्थित गुजरात भवन में दो चार्जिंग स्टेशन हैं।
भारत में फिलहाल मात्र 150 चार्जिंग स्टेशन
भारत में जहां अभी इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर बनाने को लेकर अभी बहस ही चल रही है, वहीं चीन में इलेक्ट्रिक कार चार्जिंग स्टेशंस की संख्या 10 लाख को पार गई है। जबकि भारत में फिलहाल मात्र 150 चार्जिंग स्टेशन ही हैं। वहीं चीन में जून तक पब्लिक चार्जिंग स्टेशंस की संख्या 4.12 लाख थी, जबकि प्राइवेट चार्जिंग पोस्ट्स की संख्या 5, 91 लाख थी। सिर्फ एक साल में ही चार्जिंग स्टेशंस की संख्या में 69.3 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है।
सरकार बना रही है दो इलेक्ट्रिक हाईवे
इसके अलावा सरकार इलेक्ट्रिक गाड़ियों के लिये पहले दो हाईवे कॉरिडोर अगले साल मार्च 2020 तक चालू करने की योजना पर काम कर रही है। इन कॉरिडोर्स में बैटरी चार्जिंग की सुविधा मिलेगी। यह कॉरिडोर दिल्ली-जयपुर और दिल्ली-आगरा हाईवे पर बनेगा।