कुल्लू: 15 माघ को जनासर ऋषि रैंह नरोल से निकलेगे बाहर और धुम धाम से मनाया जाएगा जन्मदिन जनासर ऋषि डेढ़ महीने से नरोल में थे। अब पंन्द्रह माघ को अपने मंन्दिर से पुरे लाव लश्कर ढोल नगाड़े करनाल नरशिंगों से बाहर निकलेंगे। हर साल की भांति इस बार भी जनासर ऋषि ढेड़ महीने निरोल से बाहर निकल कर अपने शाठ हारियनो के बीच पंन्द्रह माघ को अपना आशीर्वाद देंगे। और जनासर ऋषि का जन्मदिन भी बड़ी धुम धाम से मनाया जाएगा।
जनासर ऋषि के कारदार दुर्गा दास ने कहा इस बार जनासर ऋषि नए रथ में पहली बार नरोल से बाहर निकलेंगे उन्होंने कहा जनासर ऋषि पोष महिने से लेकर ढेड़ महीने तक तपस्या करने अपने असली स्थान गड़गड़ासर नामक स्थान पर गऐ हुए थे। सभी हारियन खुशी की लहर में है की पंन्द्रह माघ को जनासर ऋषि अपने स्थान रैंह गांव के लिए वापिस होंगे और सुख शांति का आशीर्वाद लेंगे। उसके बाद जनासर ऋषि अपने हारियनो में गांव गांव जाकर परिक्रमा करने जाएंगे।
घाटी के चमन राणा का कहना है कि जनासर ऋषि आते ही पंन्द्रह दिन बाद फागुन महीने में घाटी के सभी देवता अपने अपने स्थान पर तपस्य कर वापिस होते हैं।