सोलन : (बद्दी); हिमाचल के बद्दी स्थित एक स्कूल की नर्सरी कक्षा की चार वर्षीया मासूम छात्रा को 20 वर्षीय स्कूल बस चालक ने अपनी हवस का शिकार बनाया। पीड़ित बच्ची पंचकूला के अस्पताल में उपचाराधीन है। मेडिकल जांच में दुष्कर्म की पुष्टि हुई है। पुलिस ने केस दर्ज कर आरोपी बस चालक को गिरफ्तार कर लिया है।
आरोपी की पहचान निरंजन बद्दी निवासी के रूप में हुई है। मासूम की मासी ने पुलिस को बताया कि बच्ची के साथ यह घटना पिंजौर क्षेत्र के कोना गांव और मढ़ावाला के बीच में हुई है। कोना और मढ़ावाला गांव की दूरी करीब एक किलोमीटर की है। कोना गांव में स्कूल के बच्चे उतारने के बाद बस में सिर्फ मासूम और चालक के साथ दो अटेंडेंट थे।
जांच में यह भी सामने आया है कि बस में कोई महिला अटेंडेंट नहीं थी, जबकि चालक के साथ दो अन्य अटेंडेंट थे। पुलिस इस बात की जांच कर रही है कि उन अटेंडेंट्स की घटना में क्या भूमिका है। चार वर्षीया मासूम अपनी मासी के पास पिंजौर क्षेत्र में रहती हैं। बद्दी स्थित एक स्कूल में नर्सरी की छात्रा है। मासूम की मासी ने पुलिस को बताया कि मासूम स्कूल बस में आती-जाती है।
रोज सुबह 7:45 बजे बस उसे घर से लेती थी। दोपहर ठीक 2:20 बजे घर छोड़ती थी। 14 फरवरी को बस दोपहर को 10 मिनट की देरी 2:30 बजे पहुंची। बच्ची को उसी शाम को पेट में दर्द शुरू हो गया और वह तड़पने लगी। बच्ची ने अपनी मौसी को बताया कि स्कूल बस के ड्राइवर अंकल ने आज बस में उसके साथ गलत हरकत की है। परिजन उसे करीब 8 बजे पंचकूला सेक्टर-6 स्थित सामान्य अस्पताल लेकर पहुंचे। जहां मेडिकल जांच में खुलासा हुआ कि बच्ची के साथ रेप हुआ है।
स्कूल प्रशासन पर भी शिकंजा कसेगी पुलिस
डीसीपी कमलदीप गोयल ने बताया कि मासूम का जब सामान्य अस्पताल में मेडिकल हो रहा था तो पुलिस की एक लेडी इंस्पेक्टर अपने इलाज के लिए गई हुई थीं। उसे जैसे ही घटना का पता चला तो आला अधिकारियों को मामले की जानकारी दी। मामले को गंभीरता से लेकर वह खुद एसीपी नूपुर बिश्नोई, महिला थाना प्रभारी नेहा और अन्य अधिकारियों के साथ वहां पहुंचे और रात करीब 2 से सुबह 5 बजे तक अस्पताल में ही रहे। उन्होंने मौके पर ही क्राइम ब्रांच व अन्य टीमों को आरोपी बस चालक को गिरफ्तार करने का आदेश दिया। मासूम की मासी ने पुलिस को बताया है कि स्कूल बस में कोई भी महिला अटेंडेंट नहीं होती है। मौसी ने स्कूल प्रबंधन को महिला अटेंडेंट लगाने के लिए कहा था। घटना वाले दिन यदि बस में महिला अटेंडेंट होती तो शायद यह वारदात न होती। डीसीपी कमलदीप गोयल ने बताया कि इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रबंधन और बस ठेकेदार के खिलाफ भी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।