बिलासपुर: हिमाचल भाजपा के कद्दावर नेता, सहकारिता मंत्री और विधानसभा उपाध्यक्ष रह चुके रिखीराम कौंडल का निधन हो गया। मंगलवार तड़के उन्हें दिल का दौरा पड़ा। परिजनों व चिकित्सकों की भरसक कोशिश के बावजूद उन्हें बचाया नहीं जा सका। दोपहर बाद गोबिंद सागर झील के किनारे उनका राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। वह 73 वर्ष के थे। पिछले कुछ समय से अस्वस्थ रहने के कारण उनकी बाईपास सर्जरी भी हुई थी।
बिलासपुर जिले के झंडूता विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रहे दिवंगत रिखी राम कौंडल ने पांवटा में हुई भाजपा की प्रदेश कार्यसमिति बैठक में शिरकत की थी। इस बैठक से वह सोमवार देर रात ही अपने घर पहुंचे थे। मंगलवार तड़के करीब तीन बजे उन्हें सीने में दर्द उठा। तत्काल गांव से ही एक डॉक्टर को बुलाया गया। प्राथमिक प्रयास शुरू करने के साथ ही उन्हें तलाई अस्पताल लाया गया। लेकिन, बचाया नहीं जा सका। तलाई अस्पताल में पूर्व मंत्री रिखीराम कौंडल ने अंतिम सांस ली।
प्रदेश भाजपा में अनदेखी और उपेक्षा का दंश दिवंगत कौंडल को अंतिम सांस तक सताता रहा। पार्टी की वर्षों तक सेवा करने और झंडूता से बतौर विधायक प्रतिनिधित्व करने के बावजूद जीवन के अंतिम पड़ाव में पार्टी से झटका ही मिला। सिटिंग विधायक होने के बावजूद पार्टी ने उनका टिकट काट दिया।
सरकार बनने पर सरकार या संगठन में सम्मानजनक समायोजन का वादा भी पूरा नहीं हो पाया। पार्टी स्तर पर मिले इस बड़े सियासी झटके से कौंडल चाहकर भी उबर नहीं पाए और इसकी टीस अंतिम सांस तक उनके मन में रही। समर्थकों के साथ बातचीत में कौंडल की यह टीस रह रहकर जुबान पर भी आ जाती थी। दुखी मन से कहते थे, उनका टिकट धोखे से काटा गया।