हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए शनिवार का पंचांग
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है । वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।।नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है। योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है । करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
शनिवार का पंचांग21 मार्च 2020 (शनिवार) शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र - ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का चतुर्मुखी दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
दिशाशूल (Dishashool)- शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
विक्रमी संवत्: 2076
मास अमांत: फाल्गुन
मास पूर्णिमांत: चैत्र
पक्ष: कृष्ण
वार: शनिवार
व्रत: शनि प्रदोष व्रत
तिथि: द्वादशी - 07:57:27 तक
नक्षत्र: धनिष्ठा - 19:40:03 तक
करण: तैतिल - 07:57:27 तक, गर - 21:01:59 तक
योग: सिद्ध - 12:21:17 तक
चन्द्रमा: कुम्भ
ऋतु: वसंत
सूर्योदय - प्रातः 06:22
सूर्यास्त - सायं 06:34
शुभ मुहूर्त का समय -
अभिजित मुहूर्त: 12:04:05 से 12:52:44 तक
व्रतोत्सव – शनि प्रदोष व्रत, द्वादशी तिथि वृद्धि, पंचक
अशुभ मुहूर्त का समय -
राहुकाल – प्रातः 9 बजे से 10.30 बजे तक
दुष्टमुहूर्त: 06:23:32 से 07:12:11 तक, 07:12:11 से 08:00:50 तक
कुलिक: 07:12:11 से 08:00:50 तककालवेला / अर्द्धयाम: 13:41:23 से 14:30:02 तकयमघण्ट: 15:18:41 से 16:07:20 तककंटक: 12:04:05 से 12:52:44 तकयमगण्ड: 13:59:38 से 15:30:51 तकगुलिक काल: 06:23:32 से 07:54:45 तक
दिशाशूल – शनिवार को पूर्व दिशा मे दिशाशूल रहता है । यात्रा को सफल बनाने लिए घर से अदरक या उरद दाल खा कर निकले ।
आज के शुभ चौघड़िये – प्रातः 8.04 मिनट से प्रातः 9.34 मिनट तक शुभ, दोपहर 12.34 मिनट से सायं 5.05 तक चर, लाभ, और अमृत का चौघड़िया
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।