शिमला : देश में कोरोना का डर इस कदर फैल रहा है कि अगर किसी भी व्यक्ति को इन दिनों खांसी-जुकाम भी हो जाए तो उसे इस महामारी का डर सताने लगता है। हालांकि कांगड़ा टांडा अस्पताल में कोरोना से संक्रमित होने की 3 रिपोर्ट पिस्टिव आई थी ये तीनो ही बाहरी देशों से आए बताए जा रहे थे जिनमें एक पोसिटिव की रिपोर्ट अब नेगटिव आ गई है और दूसरा पोसिटिव अस्पताल में उपचाराधीन है। और तीसरा व्यक्ति जो विदेश से आया था उसका कोरोना पॉजिटिव होने का पता उसके मरणोपरांत आई रिपोट से चला था।
आज मिली जानकारी के मुताबिक शिमला IGMC के एक सुरक्षा गार्ड और एक मेडिसिन डॉक्टर अब कोरोना की चपेट में आ गए हैं। ये दोनों ही वर्कर अभी संदिग्ध है।
दीनदयाल अस्पताल के एमएस लोकेंद्र शर्मा ने बताया कि हमने जिन 15 लोगों को कोरोटाइन किया था उन मेसे 13 की रिपोर्ट नेगटिव आ गई है और अभी जिन दो लोगों के सैंपल हो रहें है उन दोनों की रिपोर्ट भी आज शाम तक आने की संभावना है। हालांकि ये दोनों वर्कर अभी संदिग्ध है। दोनों को आईसोलेशन के लिए डीडीयू अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
बता दें कि अभी तक प्रदेश की राजधानी शिमला में अभी तक किसी भी संदिग्ध की कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव नही आई है। जैसा कि सभी जानते है कि देश ही नही अपितु पूरी दुनिया मे कोरोना वायरस से जनता को रोना ला दिया है। जिसके चलते भारत वर्ष मे लोगो का बाहर निकलने पर पूर्ण प्रतिबंध लगा हुआ है तथा कई राज्यों में सुरक्षा की दृष्टि से धारा 144 लागू की गई है। कहा जा रहा है कि घर मे बन्द रहने में ही इस लाइलाज बीमारी से सुरक्षित रहे सकते है।
आशंका यह भी जताई जा रही है कि देशव्यापी लॉक डाउन और कर्फ्यू के चलते सैकड़ों ऐसे लोग है जो विदेशों से बीते 2 महीनों के अंदर देश व प्रदेशों में इस बीमारी के डर से आये हुए है वे अपने घरों में दुबके हुए है सरकार को चाहिए कि वह घर घर जाकर यह पता लगाएं की कितने ऐसे लोग है जो बाहरी देशों से इस अंतराल में आए हुए है । उनका प्रॉपर मेडिकल चेकअप करने से इस महामारी को जड़ से खत्म किया जा सकता है अन्यथा लॉक डाउन और कर्फ्यू खुलने के बाद भी खतरा मंडराने का डर है।
कोरोना वायरस संदिग्धों पर क्या बोले डीडीयू एमएस लोकेंद्र शर्मा, देखें वीडियो :-