हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए सोमवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचांग
30 मार्च , सोमवार 2020
रुद्र गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।
जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।
राष्ट्रीय मिति चैत्र 10 शक संवत् 1942, चैत्र शुक्ला, षष्ठी, सोमवार, विक्रम संवत् 2077। सौर चैत्र मास प्रविष्टे 17, शब्बान 05, हिजरी 1441 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 30 मार्च सन् 2020 ई॰।
सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, बसन्त ऋतु। राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। षष्ठी तिथि अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 15 मिनट तक उपरांत सप्तमी तिथि का आरंभ।
रोहिणी नक्षत्र सायं 05 बजकर 18 मिनट तक उपरांत मृगशिरा नक्षत्र का आरंभ, आयुष्मान योग सायं 06 बजकर 18 मिनट तक उपरांत सौभाग्य योग का आरंभ।
कौलव करण अपराह्न 02 बजकर 39 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा अगले दिन सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक उपरांत वृष उपरांत मिथुन राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय: सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 06 बजकर 39 मिनट पर।
आज का शुभमुहूर्त: अमृत काल आज दोपहर 01 बजकर 50 मिनट से दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक। आज पूरे दिन सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा। अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 01 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट तक होगा। रवि योग सुबह 06 बजकर 13 मिनट से शाम 05 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। अमृत सिद्धि योग शाम 05 बजकर 18 मिनट से सुबह 06 बजकर 12 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से दोपहर 03 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। गौधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 26 मिनट से शाम 06 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि में 12 बजकर 02 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 48 मिनट तक रहेगा।
आज का अशुभ मुहूर्तः
राहुकाल प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से दोपहर 03 बजकर 32 मिनट तक गुलिक काल है। सुबह 10 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 26 मिनट तक यमगंड रहेगा। पंचक आज पूरे दिन रहेगा।
आज के उपायः शिवलिंग की पूजा कीजिए। शिव स्तुति का पाठ कीजिए।
तिथि का स्वामी - षष्ठी तिथि के स्वामी कार्तिकेय जी है तथा सप्तमी तिथि के स्वामी भगवान सूर्यदेव जी है ।
नवरात्रि के छठे दिन आदिशक्ति श्री दुर्गा के छठे रूप कात्यायनी की पूजा की जाती है। कात्यायनी अमरकोष में पार्वती के लिए दूसरा नाम है, संस्कृत शब्दकोश में उमा, कात्यायनी, गौरी, काली, हैमावती, इस्वरी इन्हीं के अन्य नाम हैं ।
माता कात्यायनी की उपासना से आज्ञा चक्र जाग्रति की सिद्धियां साधक को स्वयंमेव प्राप्त हो जाती हैं। वह इस लोक में स्थित रहकर भी अलौकिक तेज और प्रभाव से युक्त हो जाता है तथा उसके रोग, शोक, संताप, भय आदि सर्वथा विनष्ट हो जाते हैं।
दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।