मंडी: देश मे बढ़ रहे कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए प्रधानमंत्री के आदेश पर पूरे देश में 14 अप्रैल तक के लिए लॉक डाउन हुआ है तथा हिमाचल प्रदेश में कोरोना के चलते प्रदेश सरकार ने कर्फ्यू लागू किया हुआ है जिसके चलते लोगों को घरों के अंदर रहने की अपील भी की गई है। इसके इलावा अगर कोई अन्य बीमारी के चलते कोई अस्पताल में जाता है तो उसकी एहतियातन सबसे पहले कोरोना जॉच के लिए सैंपल लिए जाते है। तथा अगर कोई अन्य वजहों से भी अस्पताल में किसी की मौत होती है तो उसके शव को कोरोना जांच की रिपोर्ट आने के बाद परिजनो को सौंपा जाता है।
ऐसा ही एक मामला मंडी नेरचौक अस्पताल में आया जहाँ खांसी और बुखार से पीड़ित एक महिला की मौत हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने एहतियातन शव को परिजनों को सौंपने से फिलहाल इंकार कर दिया गया है और महिला के सैंपल कोरोना वायरस जांच के लिए टांडा मेडिकल कॉलेज भेज दिए हैं, जिनकी रिपोर्ट वीरवार को आएगी।
बताया जा रहा है कि महिला बुधवार को ही मेडिकल कॉलेज मंडी जोनल अस्पताल से रैफर की गई थी जबकि उसका 3 दिन से जोनल अस्पताल में ही उपचार चल रहा रहा। नेरचौक मेडिकल कॉलेज के एमएस डॉ. देवेंद्र ने पुष्टि करते हुए कहा कि रेशमा देवी (38) पत्नी धनीराम गांव सोझा, डाकघर पंडोह, तहसील थाना सदर, जिला मंडी को सांस की बीमारी के कारण दाखिल किया गया था, जिसको आईसीयू में रखा गया था लेकिन अब उसकी मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि एहतियातन महिला के सैंपल जांच के लिए टांडा भेज दिए हैं और उसके बाद ही महिला का शव परिजनों को सौंपा जाएगा। बताया जा रहा है कि महिला गरीब परिवार से संबंधित है और वह इस दौरान कहीं भी नहीं गई, लिहाजा उसमें कोरोना संक्रमण की कोई संभावना नहीं है।
अस्पताल के चिकित्सकों ने भी माना है कि महिला की कोई ट्रैवल हिस्ट्री नहीं है लेकिन मौत से पहले कोरोना जैसे लक्षण जरूर हैं, लिहाजा शव सैंपल रिपोर्ट आने तक कब्जे में रखा जाएगा।