अर्की, शहनाज़ हिमदर्शन न्यूज़); राजकीय आदर्श वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भूमति के पूर्व प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता पर विद्यालय की ही एक अनुबंध पर रखी गई इतिहास की शिक्षिका द्धारा लगाए गए आरोपों से विभागीय जांच में पूरी तरह निर्दाेष पाए जाने पर भी दोषियों के खिलाफ विभाग द्धारा कोई भी कारवाई न किए जाने पर जहां भूमति की स्थानीय जनता सहित विद्यालय प्रबंधन समीति व अन्य कई संस्थाओं में रोष है वहीं उनके परिजन भी सरकार से पूर्व प्रधानाचार्य के खिलाफ झूठे आरोप लगा कर उन्हें बदनाम करने वाले दोषियों के खिलाफ कारवाई करने के इंतजार में हैं । ज्ञात हो कि लगभग दो वर्ष पूर्व रावमापा भूमति के तत्कालीन प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता पर विद्यालय की ही एक अनुबंध पर कार्यरत इतिहास की शिक्षिका ने शारीरिक शोषण के आरोप लगाए थे जिन पर विभाग व अन्य एजेंसियों द्धारा कई स्तरों पर जांच की गई थी जिसमें उन्हें पूर्णतयः निर्दाेष पाया गया था । यही नहीं स्थानीय प्रशासन व शिक्षा विभाग की संयुक्त निदेशक स्तर पर की गई जांच में उक्त प्रधानाचार्य को निर्दाेष पाया गया ! विभागीय सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार इस शिक्षिका के खिलाफ कारवाई करने को सरकार द्धारा निदेशक उच्च शिक्षा को आदेश कर दिये गए थे तथा इसमें संलिप्त अन्य अधिकारियों के खिलाफ भी सचिव स्तर पर कारवाई की जानी थी परंतु भूपेंद्र गुप्ता के पक्ष में जांच रिपोर्ट आने के महीनों पश्चात भी अभी तक झूठे आरोप लगाने वाली शिक्षिका तथा अन्य अधिकारियों के खिलाफ कारवाई न होने से लोगों में रोष है ! ज्ञात रहे कि तत्कालीन शिक्षा सचिव द्धारा 2 दिसंबर 2018 को इस बारे में समाचार पत्रों में कहा गया था कि शिक्षण संस्थानों में इस प्रकार के झूठे आरोप लगाने वालों पर विभाग द्धारा अनुशासनत्मक कारवाई की जाएगी ! स्थानीय लोगों का कहना है कि यदि सरकार इस मामले में कोई कारवाई नहीं करती है तो भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति के कारण शैक्षणिक संस्थानों में अनुशासनहीनता होगी व संस्थानों का वातावरण खराब होगा ! साथ ही संस्थानों में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं को गलत संदेश जाएगा ।
विद्यालय प्रबंधन समीति प्रकाश चंद शर्मा, पर्वतीय विकास समीति के अध्यक्ष जयनंद शर्मा सहित अन्य कई लोगों ने सरकार से मांग की है कि पूर्व प्रधानाचार्य पर लगाए गए झूठे आरोपों की गहराई से जांच करवा कर ऐसे आरोप लगाने वाले सभी लोगों पर सरकार तुरंत कारवाई करे ! ताकि शिक्षण संस्थानों में अनुशासन बना रहे ।
वहीं प्रधानाचार्य भूपेंद्र गुप्ता की माता तुलसी गुप्ता का कहना था कि विभागीय जांच की रिपोर्ट आने से पता चल गया है कि उनके बेटे के खिलाफ लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं तथा उनकी छवि को खराब करने के लिए लगाए गए हैं ! उनका कहना है कि ऐसा प्रतीत होता है कि इस मामले को राजनैतिक दबाव के चलते विभाग द्धारा ठंडे बस्ते में डाला जा रहा है ! उन्होने मुख्यमंत्री से मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच करवा कर दोषियों के खिलाफ कारवाई की जाए ।
गत दिनों रावमापा भूमति में पधारे शिक्षा निदेशक डा.अमरजीत शर्मा से इस बारे में पूछा गया तो उनका कहना था कि जांच रिपोर्ट सरकार को भेज दी गई है तथा सरकार के दिशा निर्देश के अनुसार कारवाई की जाएगी ।
इस बारे में शिक्षा सचिव डा.के.के.पंत का कहना था कि विभागीय जांच में की गई कारवाई के तथ्यों की जांच की जाएगी तथा यदि तथ्यों की जांच में आरोप झूठे पाए जाते हैं तो उचित कारवाई की जाएगी ।