हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
27 मई 2020
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 06, शक संवत् 1942, ज्येष्ठ, शुक्ला, पंचमी, बुधवार, विक्रम संवत् 2077। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 14, शव्वाल 03, हिजरी 1441 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 27 मई सन् 2020 ई०।
सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। पंचमी तिथि अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 32 मिनट तक उपरांत षष्ठी तिथि का आरंभ।
पुनर्वसु नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 28 मिनट तक उपरांत पुष्य नक्षत्र का आरंभ। वृद्धि योग अर्धरात्रोत्तर 02 बजकर 19 मिनट तक उपरांत धु्रव योग का आरंभ।
बव करण मध्याह्न 12 बजकर 51 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात कर्क राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 27 मई: सुबह 05 बजकर 19 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 27 मई: शाम 07 बजकर 17 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्तः विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 20 मिनट से 03 बजकर 15 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 24 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 40 मिनट से 07 बजकर 4 मिनट तक। अमृत काल मध्य रात्रि के बाद 1 बजकर 3 मिनट से 2 बजकर 39 मिनट तक। रवि योग सुबह 05 बजकर 14 मिनट से सुबह 07 बजकर 28 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 3 बजकर 51 मिनट से 4 बजकर 32 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिककाल रहेगा। सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक यमगंड काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 11 बजकर 36 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक। वर्ज्यकाल दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 4 मिनट तक।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
आज के उपायः बुधवार को गणेश पूजा में आप गणेश स्तोत्र का पाठ जरूर करें।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।