हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । रविवार का पंचांग
रविवार, 31 मई , 2020
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
राष्ट्रीय मिति ज्येष्ठ 10, शक संवत् 1942, ज्येष्ठ, शुक्ला, नवमी, रविवार, विक्रम संवत् 2077। सौर ज्येष्ठ मास प्रविष्टे 18, शव्वाल 07, हिजरी 1441 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 31 मई सन् 2020 ई॰। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, ग्रीष्म ऋतु।
राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। नवमी तिथि सायं 05 बजकर 37 मिनट तक उपरांत दशमी तिथि का आरंभ। उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 01 मिनट तक उपरांत हस्त नक्षत्र का आरंभ। वज्र योग सायं 04 बजकर 30 मिनट तक उपरांत सिद्धि योग का आरंभ।
बालव करण प्रातः 06 बजकर 48 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा पूर्वाह्न 10 बजकर 19 मिनट तक सिंह उपरांत कन्या राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 31 मई : सुबह 05 बजकर 18 मिनट।
सूर्यास्त का समय 31 मई : शाम 07 बजकर 20 मिनट।
आज का शुभ मुहूर्तः अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से दोपहर 03 बजकर 33 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजे से 07 बजकर 24 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल शाम 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। यमगंड दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से दोपहर 02 बजकर 03 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 03 बजकर 47 मिनट से 05 बजकर 30 मिनट तक।
आज के उपायः सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करें। दिव्यांगजनों की यथाशक्ति मदद करें।-
दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।