हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए आज गुरुवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
।। आज का पंचांग ।।
मंगल श्री विष्णु मंत्र :-मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥
दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति)गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए । गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है ।
राष्ट्रीय मिति श्रावण 08 शक संवत 1942 श्रावण शुक्ल एकादशी बृहस्पतिवार विक्रम संवत् 2077। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 15 जिल्हिजा 08 हिजरी 1441 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 30 जुलाई सन् 2020 ई०। सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल, वर्षा ऋतुः।
राहुकाल अपराह्न 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। एकादशी तिथि रात्रि 11 बजकर 50 मिनट तक उपरांत द्वादशी तिथि का आरंभ, अनुराधा नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 41 मिनट तक उपरांत ज्येष्ठा नक्षत्र का आरंभ।
ब्रह्म योग अपराह्न 01 बजकर 16 मिनट तक उपरांत ऐन्द्र योग का आरंभ, वणिज करण मध्याह्न 12 बजकर 34 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन-रात वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 30 जुलाई: सुबह 05 बजकर 38 मिनट पर
सूर्यास्त का समय 30 जुलाई: शाम 07 बजकर 18 मिनट पर
आज का शुभ मुहूर्तः अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 43 मिनट से 03 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 12 बजकर 07 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजे से 07 बजकर 24 मिनट तक। अमृत काल रात 10 बजकर 30 मिनट से मध्यरात्रि 12 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। रवि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 42 मिनट से 07 बजकर 41 मिनट तक रहेगा।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक। सुबह 06 बजे से 07 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 12 मिनट से 11 बजकर 06 मिनट तक फिर दोपहर 03 बजकर 37 मिनट से 04 बजकर 31 मिनट तक। वर्ज्य काल दोपहर 01 बजकर 08 मिनट से 02 बजकर 42 मिनट तक। भद्रा दोपहर 12 बजकर 30 मिनट से मध्यरात्रि 11 बजकर 49 मिनट तक।
आज के उपायः सुबह स्नान के पश्चात तांबे के पात्र में गुड़ और चने की दाल लेकर और जल लेकर केले के पेड़ में चढ़ाएं और भगवान विष्णु की पूजा करें।
दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।