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पंचांग

सोमवार का पंचांग: पंचांग से जानिए राखी बांधने का सबसे शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय

August 03, 2020 08:16 AM

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)

2:- वार (Day)

3:- नक्षत्र (Nakshatra)

4:- योग (Yog)

5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए सोमवार का पंचांग

शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

सोमवार का पंचांग

03 अगस्त 2020

रुद्र गायत्री मंत्र : ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महादेवाय धीमहि, तन्नो रुद्रः प्रचोदयात् ॥

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) - सोमवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से पुत्र का अनिष्ट होता है शिवभक्ति को भी हानि पहुँचती है अत: सोमवार को ना तो बाल और ना ही दाढ़ी कटवाएं ।

जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए हर सोमवार को शिवलिंग पर पंचामृत या मीठा कच्चा दूध एवं काले तिल चढ़ाएं, इससे भगवान महादेव की कृपा बनी रहती है परिवार से रोग दूर रहते है ।

पंचांग: राष्ट्रीय मिति श्रावण 12 शक सम्वत 1942 श्रावण शुक्ल चतुर्दशी रविवार विक्रम संवत् 2077। सौर श्रावण मास प्रविष्टे 19 जिल्हिजा 12 हिजरी 1441 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 03 अगस्त सन् 2020 ई०। सूर्यदक्षिणायण, उत्तर गोल, वर्षा ऋतुः।

राहुकाल : प्रातः 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। पूर्णिमा तिथि रात्रि 09 बजकर 29 मिनट तक उपरांत प्रतिपदा तिथि का आरंभ, उत्तराषाढ़ नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 19 मिनट तक उपरांत श्रवण नक्षत्र का आरंभ।

प्रीति योग प्रातः 06 बजकर 38 मिनट तक उपरांत आयुष्मान योग का आरंभ, विष्टि करण प्रातः 09 बजकर 29 मिनट तक उपरांत बालव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन-रात मकर राशि पर संचार करेगा।

आज का त्योहार – सावन पूर्णिमा, रक्षाबंधन

राखी का त्योहार सावन मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस साल यह त्योहार सोमवार को मनाया जा रहा है और इस वजह से इसका महत्व बढ़ जाता है। दरअसल, सावन के महीने में सोमवार को भगवान शिव की पूजा अर्चना का विशेष महत्व है। इस वजह राखी के सोमवार के दिन होने पर इसका महत्व और भी बढ़ जाता है।

रक्षा बंधन का शुभ मुहूर्त:

माना जाता है कि रक्षा बंधन के दिन अपराह्न यानी कि दोपहर के वक्त राखी बांधनी चाहिए। अगर अपराह्न समय न हो तो प्रदोष काल में राखी बांधनी चाहिए। कहा जाता है कि बहनों को भद्रा काल में अपने भाई को राखी नहीं बांधनी चाहिए। पौराणिक कथा के अनुसार, रावण की बहन ने रावण को भद्रा काल में राखी बांधी थी, जिस वजह से रावण का सर्वनाश हो गया था।

राखी बांधने का अपराह्र मुहूर्त:

3 अगस्त 2020 को दोपहर 01 बजकर 16 मिनट से दोपहर को 04 बजकर 24 मिनट तक है।

राखी बांधने का प्रदोष मुहूर्त:

3 अगस्त 2020 को शाम 07 बजकर 07 मिनट से रात 09 बजकर 15 मिनट तक है।

राखी बांधने की विधि: रक्षा बंधन के दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधकर उनकी लंबी उम्र, संपन्ना और खुशहाली की कामना करती है। वहीं भाई अपनी बहनों को तोहफे देकर उनकी रक्षा करने का वचन देते हैं। राखी के दिन आप अपने भाई को इस तरह से राखी बांधे:

- सबसे पहले राखी की थाली सजाएं. इस थाली में रोली, कुमकुम, अक्षत, पीली सरसों के बीज, दीपक और राखी रखें।

-अब अपने भाी को तिलक लगाएं और उसके दाहिने हाथ में रक्षा सूत्र यानी कि राखी बांधें।

- इसके बाद अपने भाई की आरती उतारें।

- अब भाई का मुंह मीठा कराएं।

- यदि भाई आपसे बड़ा है तो आप चरण स्पर्श करें।वहीं अगर बहन बड़ी है तो भाई को चरण स्पर्श करना चाहिए।

राखी बांधते वक्त इस मंत्र का उच्चारण करें :-

ॐ येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबलः।तेन त्वामपि बध्नामि रक्षे मा चल मा चल।।

सूर्योदय का समय 03 अगस्त: सुबह 05 बजकर 40 मिनट पर

सूर्यास्त का समय 03 अगस्त: शाम 07 बजकर 15 मिनट पर

आज का शुभ मुहूर्तः अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। अमृत काल सुबह 09 बजकर 25 मिनट से 11 बजकर 04 मिनट तक रहेगा। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक। रवि योग सुबह 05 बजकर 44 मिनट से 07 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 07 बजकर 19 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 44 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक यमगंड रहेगा। दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 03 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर 12 बजकर 54 मिनट से 01 बजकर 48 मिनट तक इसके बाद 03 बजकर 35 मिनट से 04 बजकर 29 मिनट तक। वर्ज्य काल दोपहर 11 बजकर 28 मिनट से 01 बजकर 27 मिनट तक। भद्रा सुबह 05 बजकर 44 मिनट से 09 बजकर 25 मिनट तक।

आज के उपायः शिवालय में जाकर गंगाजल व दूध, शहद अर्पित करें तथा शिवजी के पंचाक्षरी मंत्र नमः शिवाय की एक माला का जप करें।

दिशाशूल (Dishashool)- सोमवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से दर्पण देखकर, दूध पीकर जाएँ ।

"हे आज की तिथि ( तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो । 

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