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हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । रविवार का पंचांग
रविवार, 23 अगस्त , 2020
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 01, शक सम्वत 1942, भाद्रपद शुक्ला, पंचमी, रविवार, विक्रम संवत् 2077। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 08, मुहर्रम 03, हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 23 अगस्त सन् 2020 ई॰। सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल, शरद ऋतु।
राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। पंचमी तिथि सायं 05 बजकर 05 मिनट तक उपरांत षष्ठी तिथि का आरंभ। चित्रा नक्षत्र सायं 05 बजकर 06 मिनट तक उपरांत स्वाती नक्षत्र का आरंभ। शुभ योग प्रातः 06 बजकर 48 मिनट तक उपरांत शुक्ल योग का आरंभ।
बव करण प्रातः 06 बजकर 48 मिनट तक उपरांत तैतिल करण का आरंभ। चंद्रमा प्रातः 06 बजकर 06 मिनट तक कन्या उपरांत तुला राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 23 अगस्त : सुबह 05 बजकर 55 मिनट।
सूर्यास्त का समय 23 अगस्त : शाम 06 बजकर 53 मिनट।
आज का शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 49 मिनट तक। अमृत काल सुबह 11 बजकर 16 मिनट से दोपहर 12 बजकर 43 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से दोपहर 03 बजकर 25 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 39 मिनट से 7 बजकर 07 मिनट तक। ब्रह्म मुहूर्त 24 अगस्त सुबह 4 बजकर 27 मिनट से 5 बजकर 11 मिनट तक। निशीथ काल 24 अगस्त रात 12 बजकर 02 मिनट से रात 12बजकर 46 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त :
राहुकाल शाम 4 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। यमगंड दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से 02 बजकर 01 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 03 बजकर 38 मिनट से 05 बजकर 15 मिनट तक।
आज का उपाय : सूर्यदेव की पूजा करें। जरूरतमंदों की मदद करें साथ ही दिव्यांगों को दान करें।
दिशाशूल - रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।
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