हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
26 अगस्त 2020
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 04, शक संवत 1942, भाद्रपद शुक्ल, अष्टमी, बुधवार, विक्रम संवत् 2077। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 11, मुहर्रम 06, हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 26 अगस्त सन् 2020 ई०। सूर्य दक्षिणायण, उत्तर गोल, शरद ऋतु।
राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। अष्टमी तिथि पूर्वाह्न 10 बजकर 40 मिनट तक उपरांत नवमी तिथि का आरंभ। अनुराधा नक्षत्र अपराह्न 01 बजकर 04 मिनट तक उपरांत ज्येष्ठा नक्षत्र का आरंभ।
वैधृति योग सायं 07 बजकर 32 मिनट तक उपरांत विष्कुंभ योग का आरंभ। बव करण पूर्वाह्न 10 बजकर 40 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन रात वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 26 अगस्त: सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर
सूर्यास्त का समय 26 अगस्त: शाम 07 बजकर 01 मिनट पर
आज का शुभ मुहूर्तः विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 12 बजकर 01 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 36 मिनट से 07 बजे तक। अमृत काल मध्य रात्रि 03 बजकर 59 मिनट से अगली सुबह 05 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग सुबह 05 बजकर 56 मिनट से दोपहर 01 बजकर 04 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक यमगंड रहेगा। सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल दोपहर 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 48 मिनट तक। वर्ज्य काल शाम 06 बजकर 34 मिनट से 08 बजकर 08 मिनट तक। गण्ड मूल काल दोपहर 01 बजकर 04 से अगली सुबह 05 बजकर 57 मिनट तक।
आज के उपायः सुबह स्नान के पश्चात गणेश मंदिर में जाकर भगवान गणेश को 21 गुड़ की ढेली के साथ दूर्वा रखकर अर्पित करें।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।