हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
रविवार का पंचांग
रविवार, 06 सितंबर , 2020
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
राष्ट्रीय मिति भाद्रपद 15, शक सम्वत 1942, आश्विन कृष्णा चतुर्थी रविवार विक्रम संवत् 2077। सौर भाद्रपद मास प्रविष्टे 22 मुहर्रम 17, हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 06 सितंबर सन् 2020 ई॰। सूर्य दक्षिणायन, उत्तर गोल, शरद ऋतुः।
राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। चतुर्थी तिथि सायं 07 बजकर 07 मिनट तक उपरांत पंचमी तिथि का आरंभ, अश्विनी नक्षत्र अगले दिन 05 बजकर 24 मिनट तक उपरांत भरणी नक्षत्र का आरंभ।
वृद्धि योग अपराह्न 03 बजकर 36 मिनट तक उपरांत ध्रुव योग का आरंभ, बालव करण सायं 07 बजकर 07 मिनट तक उपरांत कौलव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन-रात मेष राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 6 सितंबर : सुबह 06 बजकर 02 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 6 सितंबर : शाम 06 बजकर 37 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 54 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 25 मिनट से दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 24 मिनट से 6 बजकर 48 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 56 मिनट से 07 सितंबर रात 12 बजकर 42 मिनट तक। अमृत काल रात 09 बजकर 17 मिनट से 11 बजकर 05 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल शाम 04 बजकर 30 मिनट से शाम 06 बजे तक। यमगंड दोपहर 12 बजकर 19 मिनट से 01 बजकर 53 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 03 बजकर 28 मिनट से 05 बजकर 02 मिनट तक।
आज का उपाय : सूर्यदेव की पूजा-अर्चना करें और निराश्रितों को जरूरी वस्तुओं का दान करें।
दिशाशूल (Dishashool)- रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।