हिन्दू पंचाग, Hindu Panchang ) पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचाग (panchang) का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग (panchang) का श्रवण करते थे ।
जानिए आज का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना , पढ़ना चाहिए ।
शनिवार का पंचांग
26 सितम्बर 2020
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का चतुर्मुखी दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है।
राष्ट्रीय मिति आश्विन 04 शक सम्वत 1942 आश्विन शुक्ला दशमी शनिवार विक्रम सम्वत् 2077। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 11, सफर 08 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंगे्रजी तारीख 26 सितम्बर 2020 ई॰।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिण गोल, शरद ऋतुः। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। दशमी तिथि सायं 07 बजे तक उपरान्त एकादशी तिथि का आरंभ।
उत्तराषाढ़ नक्षत्र सायं 07 बजकर 26 मिनट तक उपरान्त श्रवण नक्षत्र का आरंभ, अतिगण्ड योग सायं 07 बजकर 47 मिनट तक उपरान्त सुकर्मा योग का आरंभ।
तैतिल करण प्रातः 06 बजकर 52 मिनट तक उपरान्त वणिज करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन-रात मकर राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 26 सितंबर : सुबह 06 बजकर 12 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 26 सितंबर : शाम 06 बजकर 13 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक। अमृत काल दोपहर 12 बजकर 47 मिनट से 2 बजकर 27 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 12 मिनट से 3 बजे तक। रवि योग सुबह 6 बजकर 12 मिनट से 7 बजकर 26 मिनट तक। फिर रात में 12 बजकर 45 मिनट से सुबह 6 बजकर 12 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम को 6 बजकर 1 मिनट से 6 बजकर 25 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 48 मिनट से 12 बजकर 36 मिनट तक। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 36 मिनट से 5 बजकर 24 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड दोपहर 01 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक। गुलिक काल सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक।
दिशाशूल : शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
आज का उपाय : आज शनिदेव की वस्तुओं का दान करें। आपके सभी कष्ट दूर होंगे।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।