हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
30 सितम्बर 2020
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
राष्ट्रीय मिति अश्विन 08 शक संवत् 1942 आश्विन शुक्ल चतुर्दशी बुधवार विक्रम संवत 2077। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 15 सफर 12 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 30 सितंबर सन् 2020 ई॰ सूर्यदक्षिणायण, दक्षिणगोल, शरद ऋतुः।
राहुकाल अपराह्न, 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। चतुर्दशी तिथि रात्रि 12 बजकर 26 मिनट तक उपरांत पूर्णिमा तिथि का आरंभ पूर्वभाद्रपद नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 03 बजकर 15 मिनट तक उपरांत वृद्धि योग।
सायं 07 बजकर 49 मिनट तक उपरांत वृद्धि योग का आरंभ। गर करण पूर्वाह्न 11 बजकर 30 मिनट तक उपरांत विष्टि करण का आरंभ। चन्द्रमा रात्रि 08 बजकर 37 मिनट तक कुंभ उपरांत मीन में संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 30 सितंबर : सुबह 06 बजकर 14 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 30 सितंबर : शाम 06 बजकर 8 मिनट पर।
दिन विशेष : मलमास पूर्णिमा तिथि
आज का शुभ मुहूर्त : विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 10 मिनट से दोपहर 02 बजकर 57 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 47 मिनट से 12 बजकर 35 मिनट तक। अमृतकाल शाम को 6 बजकर 26 मिनट से 8 बजकर 12 मिनट तक। रवि योग सुबह 6 बजकर 14 मिनट से 1 अक्टूबर को 3 बजकर 15 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक। गुलिक काल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। पंचक पूरे दिन रहेगा।
आज का उपाय : गणपति को दूर्वा अर्पित करें। महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।