लाखों खर्च, बजट के बावजूद 8 साल से अधर में लटका पड़ा है घड़याच स्कूल में कमरे का निर्माण कार्य, पूरा होने से पहले खंडहर में तब्दील, पढ़े पूरी खबर...
अर्की : (घड़याच) अर्की उपण्डल के अंतर्गत ग्राम पंचायत कुहर तहसील, जिला सोलन हिमाचल प्रदेश में बीते आठ वर्ष पूर्व स्कूल के एक कमरे के निर्माण के लिए सरकार की तरफ से 1 लाख 92 हजार राशी स्वीकृत हुई, जिसके तहत खंड विकास अधिकारी कुनिहार की माध्यम से ग्राम पंचायत कुंहर द्वारा निर्माण कार्य प्रारंभ किया गया। उस दौरान केवल पिलरों व लेंटर डाल कर आगामी कार्य ठंडे बस्ते में डाल दिया गया, तथा इस के बाद अब आठ वर्ष बीत जाने के बाद आगे कोई कार्य ग्राम पंचायत द्वारा नहीं किया गया है। जबकि पंचायत व खंड विकास अधिकारी के बीच 1 लाख 92 हजार की धनराशि में कमरे के निर्माण कार्य पूर्ण करने का करार हुआ था।
वहीं बाद में तत्कालीन सरकार ने पाठशाला को स्तरोन्नत करके वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला का दर्जा दे दिया। इस पाठशाला में आजकल कमरों की कमी है। स्कूल प्रबंधन व एसएमसी प्रधान ने उपरोक्त कार्य को पूरा करने के बारे में जिला अधिकारी को भी कई बार लिखा की स्कूल के निर्माणाधीन कमरे का काम पूरा किया जाए ताकि समस्या का समाधान हो सकें।
घड़याच स्कूल एसएमसी के प्रधान खेम राज ने कहा कि वे कई बार पहले भी ई समाधान के माध्यम से शिकायत कर चुके है जिसकी आवेदन संख्या - DCSOU201742 है , लेकिन अभी तक समस्या कोई भी समाधान नहीं हुआ है।
एसएमसी के प्रधान खेम राज का कहना है कि इस बारे में वे पंचायत से कई बार बात कर चुके है। लेकिन उन्हें कोई संतोषजनक उतर पँचायत की तरफ से नही मिला है। उन्होंने कहा कि स्कूल में पहले ही कमरों की कमी है। सरकार जल्दी से जल्दी घड़याच स्कूल में कमरों का निर्माण करवाने के खंड विकास अधिकारी व पंचायत को निर्देश जारी करें। साथ ही उन्होंने आठ साल से निर्माणधीन खंडहर बन रहे कमरे में बरती गई अनिमितताओं पर तत्कालीन पंचायत सदस्यों, अधिकारियों और ठेकेदार की निष्पक्ष जांच का आग्रह किया है कि स्कूल के कमरे का कार्य उपरोक्तानुसार तय धनराशि से पूर्ण क्यों नही हुआ ?
शिक्षा के क्षेत्र में गुणवत्ता लिए सरकार व शिक्षा विभाग भले ही लाख दावे कर रहा हो, लेकिन हकीकत कुछ और ही है। घड़याच में बन रहा स्कूल का एक कमरा 8 वर्ष बाद भी अधूरा पड़ा हुआ है। एसएमसी प्रधान खेम राज का कहना है कि स्कूल प्रबंधन व स्थानीय लोग इस मामले को लेकर खण्ड विकास अधिकारियों से लेकर जिलाधिकारी तक गुहार लगा चुके है लेकिन स्कूल का कमरा बनना तो दूर जिला जिला प्रशासन ने ई-समाधान पर की गई शिकायत का भी मौके पर आकर समाधान तक नही किया।
उन्होंने कहा कि स्कूलों में सुविधाजनक कमरों का होना अनिवार्य है। घड़याच स्कूल में कमरों की कमी पड़ने पर कमरे के निर्माण का एस्टिमेट बनाकर विभाग को भेजा गया। उसका बजट सेंक्शन भी हुआ, लेकिन निर्माण कार्य पूरा न होने से, तथा महंगाई बढ़ने से, स्वीकृत राशि कम पड़ने से, आठ साल से स्कूल में कमरे का निर्माण कार्य अधर में लटका हुआ है। ऐसे में स्कूल में निर्माणाधीन कमरे इस्तेमाल से पहले ही कंडम होने लगा हैं।
ग्राम पंचायत कुंहर के घड़याच में स्कूल का एक कमरा बनाने के लिए लाखों रुपये की राशि खर्च की गई, मगर 8 साल बाद भी स्कूल का कमरा अधूरा है। ग्रामीणों का तत्कालीन पंचायत प्रधान व ठेकेदार पर आरोप है कि उन्होंने कमरे के निर्माण में लापरवाही बरती है। जिस कारण इस निर्माण की खामियों को लेकर स्कूल एसएमसी प्रधान खेम राज ने जिलाधिकारी को ई समाधान के माध्यम से शिकायत की लेकिन नतीजा वही ढाक के तीन पात रहा। अब यह 4 पिलर पर बना लेंटर खंडहर में तब्दील हाे रहा है।
बीते कई वर्षों से घड़याच स्कूल में कमरों की कमी होने से बच्चों को बैठने की सुविधा नहीं मिल पा रही है। वर्तमान प्रधान ने बताया कि स्कूल में कमरे के निर्माण कार्य के लिए तत्कालिक पंचायत को स्वीकृत राशि दी गई थी लेकिन कमरे का निर्माण नही हो पाया।
मौजूदा ग्राम पंचायत प्रधान ने कहा कि पूर्व पंचायत पंचायत प्रधान से राशि की रिकवरी कराने के लिए उन्होंने पंचायत के माध्यम से पत्र लिखा है, जिसका संतोषजनक उतर नही आया है। सरकार स्कूल के कमरे के निर्माण कार्य में हुई अनिमित्ताओं की जांच निष्पक्ष जांच करवाएं।वहीं घड़याच स्कूल एसएमसी प्रधान खेम राज ठाकुर ने भी मामले में दोषी पंचायत के तत्कालीन पदाधिकारियों पर उचित कार्रवाई करने की सरकार से मांग की है।
गौरतलब है कि स्थानीय लोगों द्वारा बार-बार ध्यान दिलाने के बाद भी प्रशासन इस मामले में उदासीन रवैया अपना रहा हैं। स्कूल प्रबंधन और एसएमसी के द्वारा कई बार स्थानीय प्रशासन को पत्र लिखे जा चुके हैं। एसएमसी के प्रधान खेम राज ने कहा कि विद्यालय भवनों की यह अवस्था विद्यार्थियों के लिए खतरनाक साबित हो रही है।