हिन्दू पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं:-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog(
5:- करण (Karan)
पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे ।
जानिए आज का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना , पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचाग
16 अक्टूबर 2020
"ॐ महालक्ष्म्यै नम: |"
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन -शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
धन लाभ के लिए इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण / मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं। इसमें रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे से बनी बत्ती का उपयोग करें और दिये में थोड़ी केसर भी डाल दें।
पंचांग : राष्ट्रीय मिति अश्विन 24 शक संवत 1942 आश्विन कृष्णा अमावस्या शुक्रवार विक्रम संवत 2077। सौर आश्विन मास प्रविष्टे 31 सफर 28 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 16 अक्टूबर सन् 2020 ई॰।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिणगोल, शरद् ऋतु। राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। अमावस्या तिथि अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 01 मिनट तक उपरान्त प्रतिपदा तिथि का आरंभ।
हस्त नक्षत्र अपराह्न 02 बजकर 58 मिनट तक उपरान्त चित्रा नक्षत्र का आरंभ, वैघृति योग अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 45 मिनट तक उपरान्त विष्कुम्भ योग का आरंभ।
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चतुष्पद करण अपराह्न 02 बजकर 57 मिनट तक उपरान्त किस्तुघ्न करण का आरंभ। चन्द्रमा अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 25 मिनट तक कन्या उपरान्त तुला राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 16 अक्टूबर : सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 16 अक्टूबर : शाम 05 बजकर 50 मिनट पर।
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आज का शुभ मुहूर्त :
अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से दोपहर 02 बजकर 47 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम को 5 बजकर 39 मिनट से 6 बजकर 3 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 42 मिनट से 16 अक्टूबर रात 12 बजकर 32 मिनट तक। अमृत काल सुबह 9 बजकर 43 मिनट से 11 बजकर 7 मिनट तक। ब्रह्म मुहूर्त अगले दिन सुबह 4 बजकर 43 मिनट से 5 बजकर 33 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त :
राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। यमगंड दोपहर 3 बजकर 30 मिनट से 04 बजकर 30 मिनट तक। गुलिक काल सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक मिनट तक।
आज का उपाय : आज मां लक्ष्मी की पूजा पूरे परिवार के साथ करें। तो आपके घर पर सुख समृद्धि आएगी।
दिशाशूल - शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यदि यात्रा आवश्यक हो तो घर से दही खाकर जाएँ ।
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"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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