हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए रविवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है । रविवार का पंचांग
रविवार, 18 अक्टूबर , 2020
भगवान सूर्य जी का मंत्र : ऊँ घृणि सूर्याय नम: ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) रविवार को भगवान सूर्य को प्रात: ताम्बे के बर्तन में लाल चन्दन, गुड़, और लाल पुष्प डाल कर अर्घ्य देना चाहिए, एवं आदित्यहृदयस्तोत्रम् का पाठ करना चाहिए।
राष्ट्रीय मिति अश्विन 26 शक सम्वत 1942 आश्विन शुक्ल द्वितीया रविवार विक्रम संम्वत 2077 । सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 02 सफर 30 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 18 अक्टूबर सन् 2020 ई॰ ।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिणगोल, शरद् ऋतु । राहुकाल सायं 04 बजकर 30 मिनट से 06 बजे तक। द्वितीया तिथि सायं 05 बजकर 28 मिनट तक उपरांत तृतीया तिथि का आरंभ, स्वाती नक्षत्र प्रातः 08 बजकर 51 मिनट तक उपरांत विशाखा नक्षत्र का आरंभ।
प्रीति योग सायं 05 बजकर 12 मिनट तक उपरांत आयुष्मान योग का आरंभ, बालव करण प्रातः 07 बजकर 19 मिनट तक उपरांत गर करण का आरंभ। चंद्रमा अर्धरात्रोत्तर 12 बजकर 47 मिनट तक तुला उपरांत वृश्चिक राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 18 अक्टूबर : सुबह 06 बजकर 23 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 18 अक्टूबर : शाम 05 बजकर 48 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 29 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजे से दोपहर 02 बजकर 46 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 41 मिनट से 19 अक्टूबर रात 12 बजकर 31 मिनट तक। अमृत काल सुबह 10 बजकर 20 मिनट से 11 बजकर 45 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल शाम 04 बजकर 30 से 06 बजे तक। यमगंड दोपहर 12 बजकर 06 मिनट से 01 बजकर 31 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 02 बजकर 57 मिनट से 04 बजकर 23 मिनट तक।
आज का उपाय : सूर्य देव की आराधना करें। दिव्यांगजनों को यथाशक्ति जरूरी वस्तुओं का दान करें।
दिशाशूल : रविवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से पान या घी खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।