हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
बुधवार का पंचांग
21 अक्टूबर 2020
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) - बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेशजी की पूजा अर्चना से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
पंचांग: राष्ट्रीय मिति अश्विन 29 शक संवत 1942 आश्विन शुक्ल पंचमी बुधवार विक्रम संवत 2077। सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 05 रवि-उल्लावल 03 हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 21 अक्टूबर सन् 2020 ई॰।
सूर्य दक्षिणायन, दक्षिणगोल, शरद् ऋतु। राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। पंचमी तिथि प्रातः 09 बजकर 08 मिनट तक उपरान्त षष्ठी तिथि का आरंभ।
मूल नक्षत्र अर्द्धरात्रोत्तर 01 बजकर 13 मिनट तक उपरान्त पूर्वाषाढ़ नक्षत्र का आरंभ, शोभन योग प्रातः 06 बजकर 49 मिनट तक उपरान्त अति गण्ड योग का आरंभ।
बालव करण प्रातः 09 बजकर 08 मिनट तक उपरान्त तैतिल करण का आरंभ। चन्द्रमा दिन-रात धनु राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 21 अक्टूबर : सुबह 06 बजकर 26 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 21 अक्टूबर : शाम 05 बजकर 45 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्त : विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 59 मिनट से 02 बजकर 44 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 40 मिनट से 21 अक्टूबर रात 12 बजकर 31 मिनट तक। अमृत काल शाम को 07 बजकर 5 मिनट से 08 बजकर 37 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम को 5 बजकर 34 मिनट से 5 बजकर 58 मिनट तक। ब्रह्म मुहूर्त 22 अक्टूबर को सुबह 4 बजकर 45 मिनट से 5 बजकर 36 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल दोपहर 12 बजे से 1 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड सुबह 7 बजकर 30 मिनट से 9 बजे तक। गुलिक काल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक।
आज का उपाय : आज स्कंदमाता को समर्पित दिन है। मां प्रेम और वात्सल्य की देवी हैं। पढ़ने वाले बच्चों को उनके काम की चीजें दान करें।
दिशाशूल : बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
पंचांग को भारतीय वैदिक ज्योतिष में दर्शाया गया है। अगर आप भी दिन में कुछ खास करने की योजना बना रहे हैं तो पंचांग के अनुसार इसे तैयार कर सकते हैं।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचाग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो "।