हिन्दू पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं:-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog(
5:- करण (Karan)
पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे ।
जानिए आज का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है। * नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना , पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचाग
23 अक्तूबर; 2020
"ॐ महालक्ष्म्यै नम: |"
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन -शुक्रवार के दिन दक्षिणावर्ती शंख से भगवान विष्णु पर जल चढ़ाकर उन्हें पीले चन्दन अथवा केसर का तिलक करें। इस उपाय में मां लक्ष्मी जल्दी प्रसन्न हो जाती हैं।
धन लाभ के लिए इस दिन शाम के समय घर के ईशान कोण / मंदिर में गाय के घी का दीपक लगाएं। इसमें रुई के स्थान पर लाल रंग के धागे से बनी बत्ती का उपयोग करें और दिये में थोड़ी केसर भी डाल दें।
पंचांग : राष्ट्रीय मिति कार्तिक 01 शक संवत् 1942 आश्विन शुक्ल सप्तमी शुक्रवार विक्रम संवत् 2077। सौर कार्तिक मास प्रविष्टे 07, रवि-उल्लावल 05, हिजरी 1442 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 23 अक्टूबर सन् 2020 ई०। सूर्य दक्षिणायण, दक्षिण गोल, हेमंत ऋतु।
राहुकाल पूर्वाह्न 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। सप्तमी तिथि प्रातः 06 बजकर 57 मिनट तक उपरांत अष्टमी तिथि का आरंभ। उत्तराषाढ़ नक्षत्र अर्धरात्रोत्तर 01 बजजकर 28 मिनट तक उपरांत श्रवण नक्षत्र का आरंभ।
धृतिमान योग अर्धरात्रोत्तर 01 बजकर 22 मिनट तक उपरांत शूल योग का आरंभ, वणिज करण प्रातः 06 बजकर 57 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा प्रातः 07 बजकर 02 मिनट तक धनु उपरांत मकर राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय का समय 23 अक्टूबर: सुबह 06 बजकर 27 मिनट पर।
सूर्यास्त का समय 23 अक्टूबर: शाम 05 बजकर 43 मिनट पर।
आज का शुभ मुहूर्तः अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 43 मिनट से 12 बजकर 28 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 58 मिनट से 02 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 40 मिनट से 12 बजकर 31 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 05 बजकर 32 मिनट से 05 बजकर 56 मिनट तक। अमृत काल शाम 06 बजकर 56 मिनट से 08 बजकर 34 मिनट तक रहेगा। सर्वार्थ सिद्धि योग मध्यरात्रि 01 बजकर 28 मिनट से सुबह 06 बजकर 28 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल सुबह 10 बजकर 30 मिनट से 12 बजे तक। दोपहर 03 बजकर 30 मिनट से 04 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। सुबह 07 बजकर 30 मिनट से 09 बजे तक गुलिक काल रहेगा। वर्ज्य काल सुबह 09 बजकर 09 मिनट से 10 बजकर 47 मिनट तक रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 42 मिनट से 09 बजकर 27 मिनट तक रहेगा इसके बाद दोपहर 12 बजकर 28 मिनट से 01 बजकर 13 मिनट तक। भद्रा सुबह 06 बजकर 57 मिनट से 06 बजकर 52 मिनट तक।
आज के उपायः शुक्रवार को सुबह स्नान के बाद ताजी रोटी बनाकर गुड़ के साथ गाय को खिलाएं। ऐसा करने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है।
दिशाशूल - शुक्रवार को पश्चिम दिशा का दिकशूल होता है । यदि यात्रा आवश्यक हो तो घर से दही खाकर जाएँ ।
"हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
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