हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए बुधवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचाग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचांग: 28 अक्तूबर 2020
गणेश गायत्री मंत्र :ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
बुधवार : 28 अक्तूबर 2020; पढ़िए आज का राशिफ़ल
दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है। बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। इस दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है।
बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।
*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य
*शक संवत – 1942
*कलि संवत 5122
*अयन – दक्षिणायन
*ऋतु – शरद ऋतु
*मास -अश्विन माह
*पक्ष – शुक्ल पक्ष
*चंद्र बल – मेष, कर्क, कन्या, वृश्चिक, धनु, मीन,
तिथि (Tithi)- द्वादशी – 12:54 तक तत्पश्चात त्रयोदशी
द्वादशी तिथि के स्वामी भगवान विष्णु जी एवं त्रयोदशी तिथि के स्वामी भगवान कामदेव जी है।
द्वादशी तिथि के स्वामी श्री हरि विष्णु जी हैं। द्वादशी को इनकी पूजा , अर्चना करने से मनुष्य को समस्त सुख और ऐश्वर्यों की प्राप्ति होती है, उसे समाज में सर्वत्र आदर मिलता है। इस दिन विष्णु सहस्रनाम का पाठ करना अत्यन्त श्रेयकर होता है। द्वादशी के दिन तुलसी तोड़ना निषिद्ध है। द्वादशी के दिन यात्रा नहीं करनी चाहिए, इस दिन यात्रा करने से धन हानि एवं असफलता की सम्भावना रहती है। द्वादशी के दिन मसूर का सेवन वर्जित है।
नक्षत्र (Nakshatra)-पूर्व भाद्रपद 09:11 तक तत्पश्चात उत्तर भाद्रपद
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पूर्व भाद्रपद नक्षत्र के देवता अजचरण(अजपात नामक सूर्य ) जी है।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र 27 नक्षत्रों में 26वां नक्षत्र है, उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के देवता अहिर्बुंधन्य देव, स्वामी शनि देव जी एवं वहीं राशि स्वामी गुरु है। शनि गुरु में शत्रुता है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र के जातको पर जीवन भर शनि और गुरु का प्रभाव रहता है ।
बुधवार : 28 अक्तूबर 2020; पढ़िए आज का राशिफ़ल
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : नीम तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र सितारे का लिंग पुरुष है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर शुक्र एवं राहु ग्रह का प्रभाव बना रहता है।
उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्ति धार्मिक, कुशल वक्ता, यशस्वी, परोपकारी और धनवान होते है। उत्तरा भाद्रपद नक्षत्र में जन्म लेने वाले व्यक्तियों को सन्तान पक्ष से सुख की प्राप्ति होती है। इनका पारिवारिक जीवन भी सुखमय रहता है।
इस नक्षत्र में जन्मे व्यक्ति को हनुमान जी की आराधना करनी चाहिए, इनको पीपल की सदैव / विशेषकर शनिवार को तो अवश्य ही सेवा करनी चाहिए ।
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र के लिए भाग्यशाली अंक क्या हैं 6 और 8, भाग्यशाली रंग बैगनी तथा भाग्यशाली दिन गुरुवार, मंगलवार और शुक्रवार होता है ।
उत्तर भाद्रपद नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को इस नक्षत्र देवता के नाममंत्र:- ॐ अहिर्बुंधन्याय नमःl मन्त्र की माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
बुधवार : 28 अक्तूबर 2020; पढ़िए आज का राशिफ़ल
योग(Yog) – व्याघात अक्टूबर 29 01:50 तक
प्रथम करण : – बालव– 12:54 तक
द्वितीय करण : – कौलव – 20:17 तक
गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।
दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal) : बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।
सूर्योदय – प्रातः 6:30
सूर्यास्त – सायं 05:39
विशेष – द्वादशी को पोई का सेवन नहीं करना चाहिए । द्वादशी के दिन तुलसी तोड़ना निषिद्ध है।
आज का शुभ मुहूर्त : विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 56 मिनट से 02 बजकर 41 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 39 मिनट से 29 अक्टूबर रात 12 बजकर 31 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल मध्याह्न 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड सुबह 07 बजकर 54 मिनट से 09 बजकर 17 मिनट तक। पंचक पूरा दिन। गुलिक काल सुबह 10 बजकर 41 मिनट से 12 बजकर 05 मिनट तक।
बुधवार : 28 अक्तूबर 2020; पढ़िए आज का राशिफ़ल
आज का उपाय : हनुमानजी की आराधना करें। जरूरतमंदों को यथाशक्ति जरूरी वस्तुओं का दान करें।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।