हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)
2:- वार (Day)
3:- नक्षत्र (Nakshatra)
4:- योग (Yog)
5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचांग
08 दिसंबर 2020 का पंचांग,
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) – मंगलवार Mangalwar के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार Mangalwar को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए। मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।
*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत – 1942*कलि सम्वत 5122*अयन – दक्षिणायन*ऋतु – शरद ऋतु*मास -मार्गशीर्ष माह*पक्ष – कृष्ण पक्ष*चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, वृश्चिक, मकर, कुम्भ,
तिथि (Tithi)- अष्टमी – 17:17 PM तक तत्पश्चात नवमी
तिथि का स्वामी – अष्टमी के स्वामी शिव जी और नवमी तिथि के स्वामी दुर्गाजी है।
अष्टमी तिथि को भगवान शिव की विधि पूर्वक पूजा करने से समस्त सिद्धियां प्राप्त होती है , पूजा में उन्हें नारियल का भोग अर्पित करें अथवा शिवजी भगवान के लिए बनाए जाने वाले प्रसाद में नारियल का उपयोग करें लेकिन अष्टमी को नारियल का सेवन ना करें।अष्टमी तिथि का नाम कलावती कहा गया है। मंगलवार को छोड़कर अष्टमी तिथि सभी प्रकार के कार्यो के शुभ है । अष्टमी तिथि में किसी भी प्रकार की ललित कला और विद्याएं सीखना अत्यन्त शुभ माना गया है।
भैरव नाथ का अवतरण मार्गशीर्ष मास की कृष्णपक्ष अष्टमी को हुआ है, वह दिन भैरव अष्टमी / भैरव जयंती के रूप में मनाया जाता है। मार्गशीर्ष मास की अष्टमी आज सांय 5 . 17 मिनट तक है।
मान्यता है कि कालभैरव के पूजन से निर्भयता आती है, काल का भय दूर होता है, काल भैरव के भक्तो से बहुत पिशाच भी दूर रहते है, मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, शत्रु परास्त होते है, किसी भी तरह की समस्या से मुक्ति शीघ्र मिलती है।
भैरव अष्टमी, के दिन भैरव मंदिर में जाकर भैरव जी की मूर्ति के आगे तेल का दीपक प्रज्वलित करें। इसके बाद उन्हें गुलाब जामुन, इमरती, उड़द के बड़े या नमकीन भोग लगाएं। इस उपाय को करने से भैरव नाथ अपने भक्तो के सभी संकटो का तत्काल ही निवारण कर देते है।
नक्षत्र (Nakshatra)- पूर्वाफाल्गुनी – 13.48 PM तक तत्पश्चात उत्तराफाल्गुनी
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के देवता भग (धन व ऐश्वर्य के देवता) और स्वामी शुक्र देव जी है।
उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र के देवता आर्यमन और स्वामी सूर्य, बुध देव जी है।
आकाश मंडल में पूर्वा फाल्गुनी को 11वां नक्षत्र माना जाता है। इस नक्षत्र का प्रतीक बिस्तर के सामने के दो पैर हैं जो आराम, अच्छे भाग्य का भी प्रतीक है। यह नक्षत्र सुख, धन, कामुक प्रसन्नता, प्रेम और मनोरंजन को दर्शाता हैं। इस नक्षत्र काआराध्य वृक्ष : पलाश तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवनभर सूर्य और शुक्र का प्रभाव बना रहता है।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 9, भाग्यशाली रंग, चाकलेटी, हल्का भूरा, भाग्यशाली दिन शुक्रवार और रविवार माना जाता है ।
पूर्वा फाल्गुनी नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ भगाय नमः”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।
योग (Yog) – प्रीति – 01:43 AM, 09 दिसम्बर तक
प्रथम करण : – कौलव – 17:17 PM तक
द्वितीय करण : – तैतिल – 04:21 AM, 09 दिसम्बर तक
गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है। यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
सूर्योदय – प्रातः 07:07
सूर्यास्त – सायं 17:19
विशेष – अष्टमी को नारियल नहीं खाना चाहिए (अष्टमी नारियल खाने से बुद्धि कमजोर होती है । )
आज का शुभ मुहूर्त : अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 34 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से 02 बजकर 38 मिनट तक। निशीथ काल रात 11 बजकर 46 मिनट से 09 दिसंबर रात 12 बजकर 41 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त : राहुकाल दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। गुलिक काल दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक।
आज का उपाय : हनुमानजी की आराधना करें और जरूरतमंदों को ऊनी वस्त्र दान करें। -(
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।