मस्कट : (हिमदर्शन ब्यूरो); हिंदी भाषा जहां देश के कई राज्यों में बोली जाती है, वहीं कई अन्य देशों जैसे नेपाल, पाकिस्तान, बांग्लादेश, अमेरिका, सूरीनाम, युगांडा, मॉरिशस, फिजी, दक्षिण अफ्रीका और ओमान आदि में भी बोली जाती है। इंटरनेट पर हिन्दी के बढ़ते चलन से माना जा रहा है कि आने वर्षों में हिन्दी में इंटरनेट उपयोग करने वालों की संख्या अंग्रेजी उपयोग करने वालों की संख्या से ज्यादा हो जाएगी। यह हिन्दी के प्रचार-प्रसार और वैश्विक स्वीकार्यता का ही परिणाम है कि आज हिन्दी अपनी तमाम प्रतिद्वंद्वियों को पीछे छोड़ते हुए लोकप्रियता का आसमान छू रही है।
‘हिन्द की है शान हिंदी अपनी पहचान हिंदी का हमेशा सम्मान होना चाहिए छोड़ संकोच करो हिंदी का प्रयोग, अपनी मातृभाषा पे गुमान होना चाहिए ।’
हृदय में हिंदी भाषा के प्रचार-प्रसार की भावना को लेकर ओमान देश के मस्कट शहर में रह रहे कुछ हिंदी प्रेमियों ने मिलकर ओमान के प्रथम हिंदी टोस्टमास्टर्स क्लब की स्थापना की और उसे नाम दिया ‘अपना हिंदी टोस्टमास्टर्स क्लब’ जो अंतर्राष्ट्रीय टोस्टमास्टर्स क्लब के अंतर्गत पन्जीकृत है और हिंदी भाषा के प्रचार प्रसार के क्षेत्र में नए आयाम स्थापित कर रहा है। क्लब का लक्ष्य है सदस्यों की सकारात्मक और संरचनात्मक सोच को बढ़ावा देना जिससे उनके व्यक्तित्व में सम्प्रेषण और नेत्तृत्व के गुणों को और अधिक सशक्त बनाया जा सके तथा उनमें आत्मविश्वास की भावना को और सुदृढ़ किया जा सके।
क्लब के कार्यकारिणी सदस्य: श्री गोविन्द नेगी (अध्यक्ष), श्री सी०एम० सरदार (सलाहकार ), श्री चैतन्य खिमजी (सलाहकार), श्री सचिन ठकार (क्षेत्र निर्देशक) श्री संदीप मल्होत्रा (उपाध्यक्ष शिक्षा), श्री गजेश धारीवाल (उपाध्यक्ष सदस्य), श्री पराग गुरुमुखी (उपाध्यक्ष जनसंपर्क), श्री संजीव शर्मा ( कोषाध्यक्ष), श्री आनंद भोरास्कर (सार्जेन्ट @ आर्म्स) एवं श्रीमती पूर्णिमा सिंह (सचिव) आदि क्लब के कार्यकारिणी सदस्य हैं।
अपना हिंदी टोस्टमास्टर्स क्लब ने 13 दिसम्बर को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर एक सफल सभा का आयोजन किया गया जिसका विषय था - ‘कोई लौटा दे मेरे बीते हुए दिन’ अर्थात- बचपन सभा का सुविचार था – “ऐ उम्र, कुछ कहा मैंने पर शायद तूने सुना नहीं, तू छीन सकती है बचपन मेरा पर बचपना नहीं”
जैसा कि विषय था बचपन इसलिए सभी सदस्य बच्चों की सी वेशभूषा में प्रस्तुत हुए जिससे सभा की सुंदरता में चार चाँद लग गए। यह क्लब की प्रथम अधिकारिक सभा थी।
अपना हिंदी टोस्टमास्टर्स क्लब की यह विशेषता है कि इसमें भाषणों और विचारों के माध्यम से सदस्यों के बोलने की कला को विकसित और परिष्कृत किया जाता है। उनके भाषणों का अत्यंत सकारात्मक तरीके से मूल्यांकन करके उनमें सतत सुधार का प्रयास किया जाता है।
संक्षेप में यदि यह कहा जाए कि ’अपना हिंदी टोस्टमास्टर्स क्लब’ हिंदी भाषा के प्रति लोगों को आकृष्ट करने के क्षेत्र में एक सफल प्रयास है तो अतिशयोक्ति नहीं होगी।