आज शनिवार का पंचांग : जानिए आज का शुभ मुहूर्त का समय
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)3:- नक्षत्र (Nakshatra)4:- योग (Yog)5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए शनिवार का पंचांग
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
*इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
शनिवार का पंचांग
09 जनवरी 2021
शनि देव जी का तांत्रिक मंत्र – ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) -शनिवार के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से आयु का नाश होता है । अत: शनिवार को बाल और दाढ़ी दोनों को ही नहीं कटवाना चाहिए।
शनिवार के दिन प्रात: पीपल के पेड़ में दूध मिश्रित मीठे जल का अर्ध्य देने और सांय पीपल के नीचे तेल का दीपक जलाने से कुंडली की समस्त ग्रह बाधाओं का निवारण होता है ।
शनिवार के दिन पीपल के नीचे हनुमान चालीसा पड़ने और गायत्री मन्त्र की एक माला का जाप करने से किसी भी तरह का भय नहीं रहता है, समस्त बिग़डे कार्य भी बनने लगते है ।
शिवपुराण के अनुसार शनि देव पिप्लाद ऋषि का स्मरण करने वाले, उनके भक्तो को कभी भी पीड़ा नहीं देते है इसलिए जिन के ऊपर शनि की दशा चल रही हो उन्हें अवश्य ही ना केवल शनिवार को वरन नित्य पिप्लाद ऋषि का स्मरण करना चाहिए।
शनिवार के दिन पिप्पलाद श्लोक का या पिप्पलाद ऋषि जी के केवल इन तीन नामों (पिप्पलाद, गाधि, कौशिक) को जपने से शनि देव की कृपा मिलती है, शनि की पीड़ा निश्चय ही शान्त हो जाती है ।
*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य* शक संवत – 1942, *कलि संवत 5122* अयन – दक्षिणायन, * ऋतु – शरद ऋतु, * मास – पौष माह* पक्ष – कृष्ण पक्ष*चंद्र बल –वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ,
तिथि (Tithi)- एकादशी – “सफला एकादशी” 19:17 PM तक तत्पश्चात द्वादशी
तिथि का स्वामी – एकादशी तिथि के स्वामी भगवान श्री विश्व देव जी है।
पौष मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी को सफला एकादशी कहते हैं। मान्यता है कि इस एकादशी का ब्रत रखने, इस दिन भगवान श्री विष्णु जी की विधि विधान के साथ पूजा करने से मनुष्य को प्रत्येक कार्य में सफलता मिलती है, उसके समस्त कार्य निर्विघ्न रूप से संपन्न होते है ।
एकादशी के दिन जल में आँवले का चूर्ण / आंवले का रस डाल कर नहाने से समस्त पापो का नाश हो जाता है ।
2021 में दो सफला एकादशी पड़ेंगी। 09 जनवरी 2021 शनिवार को पहली सफला एकादशी, तथा दूसरी सफला एकादशी, गुरुवार 30 दिसंबर 2021 को पड़ेगी।
एकादशी तिथि का आरंभ:- शुक्रवार 8 जनवरी 2021 को रात्रि में 9 बजकर 40 मिनट से, ।
एकादशी तिथि समाप्त:- शनिवार 9 जनवरी 2021 को रात्रि 19 बजकर 15 मिनट तक।
ब्रत के पारण का समय: 10 जनवरी को सुबह 7 बजकर 15 मिनट से सुबह 9 बजकर 21 मिनट तक।
एकादशी के दिन रात्रि में भगवान विष्णु के सामने नौ बत्तियों का दीपक जलाएं और एक दीपक ऐसा जलाएं जो रात भर जलता रहे।
नक्षत्र (Nakshatra)- विशाखा – 12:32 PM तक तत्पश्चात अनुराधा
विशाखा नक्षत्र के देवता इंद्राग्नी (इंद्र और अग्नि) और स्वामी बृहस्पति देव जी है।
विशाखा नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 16वां है।
विशाखा नक्षत्र देवी राधा के साथ सम्बंधित है जो उनकी प्रसन्नता को दर्शाता है, भगवान श्री कृष्ण के प्रति उनके प्रेम को दर्शाता है।
विशाखा नक्षत्र वास्तव में पत्तियों से सजाया गया एक तोरण द्वार का प्रतीक है, जिसका मुख्य रूप से विवाह समारोहों में आवश्यकता है।
इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : कटाई, नागकेशर तथा स्वाभाव अशुभ माना गया है। विशाखा नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर बृहस्पति देव जी का प्रभाव बना रहता है।
विशाखा नक्षत्र वाले जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 3 और 9, भाग्यशाली रंग, सुनहरा, भाग्यशाली दिन मंगलवार, शुक्रवार और गुरुवार माना जाता है ।
विशाखा नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ इंद्राग्नीभ्यां नमः” अथवा “ॐ विशाखाभ्यां नमः”। मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
योग(Yog) – शूल – 15:02 PM तक गण्ड
प्रथम करण : – बव – 08:29 AM तक
द्वितीय करण : – बालव – 07:17 PM तक तत्पश्चात कौलव
गुलिक काल : – शनिवार को शुभ गुलिक प्रातः 6 से 7:30 बजे तक ।
दिशाशूल : शनिवार को पूर्व दिशा का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से अदरक खाकर, घी खाकर जाएँ ।
राहुकाल : सुबह – 9:00 से 10:30 तक।
सूर्योदय – प्रातः 07:20
सूर्यास्त – सायं 17:36
विशेष – एकादशी को चावल, दूसरे का अन्न और सेम की फली का सेवन नहीं करना चाहिए, एकादशी को चावल खाने से पुण्य का नाश होता है, रोग बढ़ते है।
पर्व त्यौहार- सफला एकादशी
आज का शुभ मुहूर्त - विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 13 मिनट से 2 बजकर 55 मिनट तक। अमृत काल दोपहर को 1 बजकर 10 मिनट से 2 बजकर 39 मिनट तक। निशीथ काल रात 12 बजकर 1 मिनट से 12 बजकर 56 मिनट तक। सुबह में 8 बजकर 34 मिनट से 9 बजकर 54 मिनट तक लाभ और दोपहर 3 बजकर 13 मिनट से 4 बजकर 33 मिनट तक अमृत चौघड़िया रहेगा।
आज का अशुभ मुहूर्त - राहुकाल सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 तक। गुलिक काल सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक। यमगंड दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक।
आज का उपाय : शनि अस्त चल रहे हैं, शनिवार का दिन है, शनि कृपा के लिए आज शनि स्तोत्र का पाठ करें, सरसों के तेल का दान करना भी शुभ रहेगा।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।