राजगढ़: जन मंच जनता की आवाज कम और अधिकारियों कर्मचारियों को हड़काने का मंच ज्यादा नजर आ रहा है। आये दिन दिन जनमंच में अधिकारियों के साथ बेमतलब की झाड़ की जानकारी मिलती है, जिसके चलते जन मंच के नाम से ही अधिकारी अब परेशानी महसूस करने लगे है। उन्हें काम की चिंता कम और नेताओं की झाड़ की चिंता अधिक रहती है। दूसरी ओर आम जनता को भी जन मंच से कोई लाभ नही मिल रहा है। मंत्री द्वारा 15 दिन में समस्याओं के समाधान की बाते की जाती है लेकिन महीनों बाद भी मामले जस के तस है।
पच्छाद निर्वाचन क्षेत्र में रिकार्ड पांच जन मंच आयोजित हो चुके है जो पूरे प्रदेश में एक रेकॉर्ड है। यह आरोप महासचिव पच्छाद कांग्रेस, एवम पूर्व अध्यक्ष नगर पंचायत राजगढ़ दिनेश आर्य ने लगाय है।
आर्य ने यहाँ मिडिया को जारी प्रेस विज्ञप्ति में जानकरी देते हुये बताया की किन्नौर ओर लाहुल स्पीति को छोड़ कर प्रदेश का कोई भी विधान सभा क्षेत्र नही है जहां 3 से अधिक जन मंच हुए हो।लेकिन प्रेदश सरकार सिरमौर में आजकल सिर्फ पच्छाद में ही ज्यादा ध्यान दे रही है जो केवल राजनीतिक लाभ की दृष्टि से जनता को गुमराह करने के लिए किया जा रहा है।वो भी ठीक था यदि आम जनता को इसका लाभ हो पाता।पच्छाद में एक भी जन् मंच ऐसा नही है जिसमे लोगो द्वारा उठाए सारी समस्याओं का समाधान हुआ हो। बल्कि सेकड़ो समस्याओं को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया है।परिणाम स्वरूप एक जन मंच पर करीब 15 लाख की राशि सरकार खर्च कर रही है जो एक प्रकार का धन का दुरुपयोग हो रहा है।
सरकार को चाहिए कि जन मंच हो लेकिन इसका राजनीतिक दुरपयोग न किया जाए। जनता में समस्याओं के समाधान न होने के चलते रोष बढ़ता जा रहा है।और सरकार से आम लोगो का भरोसा उठने लगा है।यदि यही हाल रहा तो जल्द लोग जन मंच से किनारा कर लेंगे।