पहली बार सदन के स्थागित होने के बाद दोबारा बुलाया गया सदन, विपक्ष के पांच विधायक पूरे सत्र के लिए निलंबित, पढ़े विस्तार से.
शिमला: राज्यपाल के अभिभाषण पर विपक्ष द्वारा किये गए हंगामे के बाद स्थगित किए गए सत्र को पुनः बुलाये गया विधानसभा सत्र के बाद संसदीय कार्यमंत्री सुरेश भारद्वाज द्वारा विपक्ष के नेता सहित , सुंदर सिंह ठाकुर , सतपाल रायजादा , विनय कुमार , व हर्षवर्धन चौहान को 20मार्च तक सदन की कार्यवाही से निलंबित करने का प्रस्ताव प्रस्तुत किया । वन मंत्री राकेश पठानिया, मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा , खाद्य आपूर्ति मंत्री राजेन्द्र गर्ग, सहित मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने भी विपक्षी विधायकों के निलंबन के प्रस्ताव का समर्थन किया।
मुख्यमंत्री बोले इस तरह की संस्कृति नही की जाएगी बर्दास्त -
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्यपाल के साथ इस प्रकार का व्यवहार निंदनीय है। हिमाचल के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। सदन के अंदर लड़ाई लड़नी चाहिए राज्यपाल के साथ इस प्रकार का व्यवहार नही होना चाहिए था। विपक्ष आज खीज में था जिसके बाद उन्होंने इस प्रकार के कृत्य को अंजाम दिया। कांग्रेस की जमीन खिसक गई है जिससे निराश होकर वह परेशान है। हिमाचल में हुए चुनावों में कांग्रेस का सूपड़ा साफ हो गया है। विपक्ष के नेता अपनी मर्यादा भूल गए है। इस प्रकार की संस्कृति हिमाचल की नही है इसे बर्दास्त नही किया जाएगा।
राज्यपाल के साथ विपक्ष ने किया वह अशोभनीय व्यवहार - विपिन परमार
वहीं विधानसभा अध्यक्ष विपिन परमार ने कहा कि जो अभद्र व्यवहार विपक्ष ने राज्यपाल के साथ किया वह अशोभनीय है। विपक्ष का काम सवाल उठाना है लेकिन इस तरह का कृत्य शर्मसार करने वाला है। नियमो में प्रावधान है कि सत्र स्थगन के बाद बुलाया जा सकता है जिसके तहत विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री, विपक्ष के नेता सहित, सुंदर सिंह ठाकुर, सतपाल रायजादा, विनय कुमार व हर्षवर्धन चौहान को 20 मार्च तक निलंबित कर दिया है। राज्यपाल के एडीसी के साथ दुर्व्यवहार किया गया। इसलिए इस तरह का व्यवहार निंदनीय है जिसे बर्दास्त नही किया जाएगा।