ग्राम पंचायत जघून में ग्राम सभा आयोजित, ग्राम सभा मे लिए गए विकास कार्यों के प्रस्ताव, पढ़े पूरी खबर..
सोलन: (अर्की); हिमाचल प्रदेश में सरकार के निर्देशानुसार रविवार को पंचायतों में ग्राम सभाएं आयोजित की गई। पहली ग्राम सभा की इस बैठक में लोगों से विकास कार्यो को लेकर चर्चा की गई। प्रदेश भर में पंचायत सदस्य अपने दायित्वों का निर्वहन करने में जुट गये है। अर्की की नवगठित पंचायत जघून में पहली ग्राम सभा का आयोजन देओधार वाले देवता के मंदिर परिसर में प्रधान की अध्यक्षता में किया गया।
ग्राम सभा मे सैकड़ों ग्रामीणों ने लिया भाग
जघून पंचायत के सभी वार्ड के लोगों ने बढ़चढ़ कर ग्राम सभा मे भाग कर अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई और अपनी मांगे ग्राम सभा मे रखी। ग्राम पंचायत की यह पहली बैठक शांतिपूर्ण माहौल में सम्पन्न हुई। जघून ग्राम पंचायत में ग्राम सभा की बैठक तकनीकी सहायक की उपस्थित में आयोजित की गई।
नवगठित पंचायत की पहली ही बैठक में पंचायत सचिव के उपस्थित नहीं रहने के कारण स्थानीय ग्रामीणों में काफी नाराजगी दिखी! फिर भी नई पंचायत में ग्राम सभा के आयोजन को लेकर ग्रामीणों में उत्साह का माहौल देखा गया। ग्राम सभा की बैठक में विकास कार्यो पर विस्तार से चर्चा की गई। बैठक के दौरान प्रधान अमिता ठाकुर, उपप्रधान कलीराम ठाकुर और वार्ड सदस्यों सहित ग्राम पंचायत के करीब सवा दो सौ ग्रामीण मौजूद रहे।
पंचायतों में सचिवों की तैनाती न होने से सारे विकास कार्य ठप -
गौरतलब है कि प्रत्येक ग्राम पंचायत में सरकार द्वारा नियुक्त एक ग्राम पंचायत सचिव होता जो ग्राम पंचायत तथा सरकार के बीच एक कड़ी के रूप मे कार्य करता है। वह ग्राम पंचायत द्वारा पारित प्रस्तावों का रिकार्ड रखना व उनके क्रियान्वयन में सहायता करता है, लेकिन प्रदेश की कई पंचायतों में सचिवों की तैनाती न होने से सारे विकास कार्य ठप पड़े हुए हैं।
इस तरह गांव के लोग हटा सकते हैं प्रधान
ग्राम पंचायतों में विकास कार्य की जिम्मेदारी प्रधान और पंचों की होती है। इसके लिए हर पांच साल में ग्राम प्रधान का चुनाव होता है, लेकिन ग्रामीण जनता को अपने अधिकारों और ग्राम पंचायत के नियमों के बारे में पता नहीं होता है।
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अगर गांव के लोग प्रधान के काम से खुश नहीं हैं तो उसे हटाया भी जा सकता है। समय से पहले पदमुक्त करने के लिए एक लिखित सूचना जिला पंचायत राज अधिकारी को दी जानी चाहिए, जिसमे ग्राम पंचायत के आधे सदस्यों के हस्ताक्षर होने ज़रूरी होते हैं। सूचना में पदमुक्त करने के सभी कारणों का उल्लेख होना चाहिए।
हस्ताक्षर करने वाले ग्राम पंचायत सदस्यों में से तीन सदस्यों का जिला पंचायतीराज अधिकारी के सामने उपस्थित होना अनिवार्य होगा। सूचना प्राप्त होने के 30 दिन के अंदर जिला पंचायत राज अधिकारी गाँव में एक बैठक बुलाएगा जिसकी सूचना कम से कम 15 दिन पहले दी जाएगी। बैठक में उपस्थित तथा वोट देने वाले सदस्यों के 2/3 बहुमत से काम न करने वाले मुखिया को हटाया जा सकता है।