आज का राशिफल: 19 अप्रैल 2024; आज एकादशी के दिन इन राशि वालों की चमकेगी किस्मत, घर आएगी सुख-समृद्धि और संपन्नता       गर्मी का मौसम आया, पहाड़ों की रानी शिमला में जलसंकट गहराया, स्मार्ट सिटी के तहत 24 घंटे शहर को पानी देने के सारे दावे हवा       हिमाचल के लाहौल-स्पीति में महसूस किए गए भूकंप के झटके, घरों से बाहर निकले लोग       ऑनलाइन ठगी के दो आरोपी दिल्ली से गिरफ्तार, आरोपियों को कोर्ट में पेश करने की तैयारी , पढ़ें पूरी खबर..       हिमाचल : मणिकर्ण घूमने आया युवक अचानक चलते-चलते हुआ बेहोश, चंडीगढ़ का रहने वाला था मृत युवक, पढ़ें पूरी खबर..       हिमाचल में फिर बदलें मौसम के तेवर, लाहौल स्पीति को छोड़कर दस जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी, पढ़ें पूरी खबर..       हिमाचल: चलते-चलते HRTC डिलक्स बस के पिछले दोनों टायर खुले, बाल-बाल बचे यात्री, बड़ा हादसा..! पढ़ें पूरी ख़बर..       आज का राशिफ़ल: 18 अप्रैल 2024; इन राशि वालों के लिए सौभाग्य से भरा रहेगा गुरुवार का दिन, यहां पढ़िए आज का दैनिक राशिफल       आज का राशिफल: 17 अप्रैल 2024 (बुधवार); आज राम नवमी के दिन सूर्य की तरह चमकेगी इन राशि के जातकों की किस्मत, प्रभु श्री राम की मिलेगी अपार कृपा       अष्टम नवरात्र के दिन महागौरी के दर्शनो के लिए मंदिरों में लगा श्रद्धालुओं का तांता, प्रदेश के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने काली बाड़ी मंदिर में की पूजा, पढ़ें पूरी खबर..      

पंचांग

बुधवार का पंचांग : 17 मार्च 2021; देखें आज का शुभमुहूर्त व राहुकाल

March 17, 2021 06:59 AM
आज प्रातःकालीन दर्शन माँ बगलामुखी जी ।

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1:- तिथि (Tithi) 2:- वार (Day) 3:- नक्षत्र (Nakshatra) 4:- योग (Yog) 5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे । 

जानिए बुधवार का पंचांग

*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

बुधवार का पंचांग

17 मार्च 2021

गणेश गायत्री मंत्र :

ॐ एकदन्ताय विद्महे वक्रतुंडाय धीमहि तन्नो बुदि्ध प्रचोदयात ।।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) – बुधवार के दिन तेल का मर्दन करने से अर्थात तेल लगाने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती है धन लाभ मिलता है।

बुधवार का दिन विघ्नहर्ता गणेश का दिन हैं। बुधवार के दिन गणेश जी के परिवार के सदस्यों का नाम लेने से जीवन में शुभता आती है।

बुधवार के दिन गणेश जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके लड्डुओं का भोग लगाकर उनकी की पूजा अर्चना करने से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

बुधवार को सभी ग्रहो के राजकुमार बुध देव की आराधना करने से ज्ञान मिलता है, वाकपटुता में प्रवीणता आती है, धन लाभ होता है ।

बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाने तथा रात को सोते समय फिटकरी से दाँत साफ करने से आर्थिक पक्ष मजबूत होता है ।

*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत – 1942*कलि संवत 5122*अयन – उत्तरायण*ऋतु – बसंत ऋतु*मास -फाल्गुन माह*पक्ष – शुक्ल पक्ष*चंद्र बल – मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर,

तिथि (Tithi)- चतुर्थी – 23:28 PM तक तत्पश्चात पंचमी

तिथि के स्वामी – चतुर्थी तिथि के स्वामी विघ्नहर्ता गणेश जी और पंचमी तिथि के स्वामी नाग देवता जी है।

आज विनायक चतुर्थी तिथि है। चतुर्थी तिथि के स्वामी देवताओं में प्रथमपूज्य भगवान गणेश जी माने गए हैं।

अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को विनायक चतुर्थी तो पूर्णिमा के बाद आने वाली चतुर्थी को संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है। विनायक चतुर्थी की पूजा अमूमन दोपहर काल में की जाती है।

चतुर्थी को गणपित जी को रोली का तिलक लगाकर, दूर्वा अर्पित करके, लड्डुओं या गुड़ का भोग लगाकर “ॐ गण गणपतये नम:” मन्त्र की एक माला का जाप अवश्य करें ।

चतुर्थी को गणेश जी की आराधना से किसी भी कार्य में विघ्न नहीं आते है, कार्यो में श्रेष्ठ सफलता मिलती है ।

चतुर्थी को गणेश जी के परिवार के सदस्यों के नामो का स्मरण, उच्चारण करने से भाग्य चमकता है, शुभ समय आता है

यदि चतुर्थी तिथि यदि गुरुवार को पड़ती है तो मृत्युदा योग बनाती है, इस समय में शुभ कार्य करना वर्जित है।

लेकिन यदि चतुर्थी तिथि शनिवार को होती है तो वह सिद्धा कहलाती है। ऐसे समय में किया गया कार्य सिद्ध होता है।

चतुर्थी तिथि को रिक्ता तिथि कहते है इस दिन शुभ कार्यो का प्रारम्भ शुभ नहीं समझा जाता है ।

किसी भी पक्ष की चतुर्थी तिथि में मूली और बैंगन का सेवन करना मना है। चतुर्थी को मूली खाने से धन का नाश होता है, और चतुर्थी को बैगन खाने से रोग बढ़ते है ।

नक्षत्र (Nakshatra)- अश्विनी – 07:31 AM तक तत्पश्चात भरणी

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनीकुमार जी और नक्षत्र के स्वामी केतु जी है ।

अश्विनी नक्षत्र के देवता अश्विनीकुमार जी और नक्षत्र के स्वामी केतु जी है ।

अश्विन नक्षत्र 27 नक्षत्रों में से पहला नक्षत्र है और घोड़े के सिर का प्रतीक है। अश्विनी नक्षत्र साहस, जीवन, और शक्ति का प्रतीक है।

अश्विनी एक देवता नक्षत्र है जिसे अत्यधिक शुभ माना जाता है। यह नाम अश्विनी-कुमारों से संबंधित है जो हिंदू देवता माने जाते हैं।

अश्विनी नक्षत्र का लिंग पुरुष है। अश्विन नक्षत्र का आराध्य वृक्ष कुचला और स्वभाव शुभ माना गया है ।

अश्विन नक्षत्र में जन्मे जातक धनवान तथा भाग्यवान होते है। यह धन, स्त्री, आभूषण तथा पुत्रादि का पूर्ण सुख प्राप्त करते है। ऐसे जातक सक्रिय, उत्साही होते है यह अपने फैसलों पर दृढ़ रहते हैं। अश्विनी नक्षत्र के जातको के लिए भाग्यशाली संख्या 2, 7 और 9, भाग्यशाली रंग पीला, मैरून, ऑरेंज, गुलाबी, एवं भाग्यशाली दिन मंगलवार तथा गुरुवार होता है ।

आज अश्विनी नक्षत्र के मंत्र “ॐअश्विनी कुमाराभ्यां नमः” का 108 बार जाप करें इससे अश्विनी नक्षत्र को बल मिलेगा।

योग(Yog) – इन्द्र – 09:00 AM तक तत्पश्चात वैधृति

प्रथम करण : – वणिज – 10:11 AM तकद्वितीय करण : – विष्टि – 23:28 PM तक तत्पश्चात बव

गुलिक काल : – बुधवार को शुभ गुलिक 10:30 से 12 बजे तक ।

इन उपायों से धन संपत्ति खींची चली आएगी, किसी चीज़ का नहीं रहेगा अभाव

दिशाशूल (Dishashool)- बुधवार को उत्तर दिशा में दिशा शूल होता है । इस दिन कार्यों में सफलता के लिए घर से सुखा/हरा धनिया या तिल खाकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal) : – बुधवार को राहुकाल दिन 12:00 से 1:30 तक ।

सूर्योदय – प्रातः 6:29

सूर्यास्त – सायं 18:31

विशेष – चतुर्थी को मूली का सेवन नहीं करना चाहिए, चतुर्थी को मूली का सेवन करने से धन का नाश होता है । 

आज का शुभ मुहूर्त - अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 54 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 53 मिनट तक। गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 19 मिनट से 06 बजकर 43 मिनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त - राहुकाल दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दोपहर 12 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 53 मिनट से 09 बजकर 41 मिनट तक। वर्ज्य काल सुबह 10 बजकर 08 मिनट से 11 बजकर 47 मिनट तक। गण्ड मूल शाम 06 बजकर 28 मिनट से 11 बजकर 47 मिनट तक।

आज के उपायः रामायण या श्रीरामचरित मानस का पाठ करें और 11 पत्तों पर चंदन या कुमकुम से श्रीराम लिखकर हनुमानजी को अर्पित करें।

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

Have something to say? Post your comment

पंचांग में और

आज का पञ्चाङ्ग, 18 अक्तूबर 2023; (बुधवार); जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय, आज चतुर्थ नवरात्र पर इन मंत्रों का जाप अवश्य करें..

आज का पञ्चाङ्ग, 09 जून 2023; (शुक्रवार); जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय

गुरुवार का पंचांग : 08 जून 2023; जानिए आज का शुभ मुहूर्त व राहुकाल का समय..

बुधवार का पञ्चाङ्ग: 07 जून 2023, आज गणेश चतुर्थी व्रत, जानें शुभ मुहूर्त कब से कब तक, पढ़ें आज का पञ्चाङ्ग..

मंगलवार का पंचांग: 06 जून 2023; जानिए आज का शुभ मुहूर्त और राहुकाल का समय..

आज सोमवार का पंचांग: 05 जून 2023; जानें आज का मुहूर्त और शुभ योग का समय

आज का पंचांग: 04 जून 2023; आज ज्‍येष्‍ठ पूर्णिमा, जानें मुहूर्त और शुभ योग का समय..

आज का पंचांग 12 अप्रैल 2023 बुधवार: आज शीतला सप्तमी व्रत, जानें आज के मुहूर्त और शुभ योग

सोमवार का पंचांग : 27 मार्च 2022; जानिए आज के शुभ मुहूर्त का समय..

गुरुवार का पंचांग : 16 मार्च, 2023; देखें आज का शुभमुहूर्त और शुभयोग का समय ..