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पंचांग

मंगलवार का पंचांग: 23 मार्च 2021; आज का शुभमुहूर्त व राहुकाल का समय

March 23, 2021 08:55 AM
आज प्रातःकालीन दर्शन माँ श्री नैना देवी जी ।

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)3:- नक्षत्र (Nakshatra)4:- योग (Yog)5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए मंगलवार का पंचांग

*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

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मंगलवार का पंचांग

23 मार्च 2021

हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।

।। आज का दिन मंगलमय हो ।।

दिन (वार) – मंगलवार Mangalwar के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।

मंगलवार Mangalwar को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।

मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।

मंगलवार के व्रत से सुयोग्‍य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।

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मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है। 

*विक्रम संवत् 2077 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत – 1942*कलि सम्वत 5122*अयन – दक्षिणायन*ऋतु – बसंत ऋतु*मास – फाल्गुन माह*पक्ष – शुक्ल पक्ष*चंद्र बल – वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ,

तिथि :- नवमी – 10:07 AM तक तत्पश्चात दशमी

तिथि के स्वामी – नवमी तिथि की स्वामी माँ दुर्गा और दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी है।

नवमी तिथि की स्वामी देवी दुर्गा जी हैं ऎसे में जातक को दुर्गा जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए।

जीवन में यदि कोई संकट है अथवा किसी प्रकार की अड़चनें आने से काम नही हो पा रहा है तो जातक को चाहिए की दुर्गा सप्तशती के पाठ को करे और मां दुर्गा जी को लाल पुष्प अर्पित करके अपने जीवन में आने वाले संकटों को दूर करने की प्रार्थना करे।

ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी।दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।

शुक्ल पक्ष की नवमी में भगवान शिव का पूजन करना वर्जित है लेकिन कृष्ण पक्ष की नवमी में शिव का पूजन करना उत्तम माना गया है।

हिंदू पंचाग की नौवीं तिथि नवमी (navami) कहलाती है। इस तिथि का नाम उग्रा भी है क्योंकि इस तिथि में शुभ कार्य करना वर्जित होता है।

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किसी भी प्रकार के युद्ध में विजय पाने के लिए ये तिथि अनुकूल मानी गई है।

शास्त्रों के अनुसार किसी भी पक्ष की नवमी तिथि में लौकी और कद्दू नहीं खाना चाहिए।

नक्षत्र (Nakshatra)- पुनर्वसु – 10:46 PM तक तत्पश्चात पुष्य

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- पुनर्वसु नक्षत्र के देवता अदिति (पृथ्वी देवी), बृहस्पति, एवं नक्षत्र के स्वामी गुरु बृहस्पति जी है ।

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पुनर्वसु अर्थ पुन: शुभ या पुन: बसना होता है। पुनर्वसु नक्षत्र आकाश मंडल में 7वां नक्षत्र है। यह मर्यादा पुरषोतम भगवान श्री राम जी का जन्म नक्षत्र है। मान्यता है कि पुनर्वसु जातक के यहा केवल पुत्र ही होता है। पुनर्वसु प्रत्येक कार्य के शुभारम्भ के लिए श्रेष्ठ होता है। पुनर्वसु नक्षत्र का आराध्य वृक्ष:बांस / बांबू और नक्षत्र का स्वभाव चर माना गया है ।

पुनर्वसु नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 3, भाग्यशाली रंग, सुनहरा, भाग्यशाली दिन गुरुवार का माना जाता है ।

पुनर्वसु नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ आदित्याय नम:”। मन्त्र का जाप अवश्य करना चाहिए ।

योग (Yog) – शोभन – 12:39 PM तक तत्पश्चात अतिगण्ड

प्रथम करण : – कौलव – 10:07 AM तक

द्वितीय करण : – तैतिल – 10:21 PM तक तत्पश्चात गर

गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।

दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है। यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।

सूर्योदय – प्रातः 06:21

सूर्यास्त – सायं 18:34

विशेष – नवमी को लौकी का सेवन नहीं करना चाहिए, नवमी को लौकी का सेवन गौ माँस खाने के समतुल्य माना जाता है।

आज का शुभ मुहूर्तः अभिजित मुहूर्त दोपहर 12 बजकर 03 मिनट से 12 बजकर 52 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 30 मिनट से 03 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 51 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 22 मिनट से 06 बजकर 46 मिनट तक। अमृत काल रात 08 बजकर 14 मिनट से 09 बजकर 55 मिनट तक रहेगा। रवि योग पूरे दिन रहेगा। 

आज का अशुभ मुहूर्तः राहुकाल दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 48 मिनट से 09 बजकर 37 मिनट तक रहेगा इसके बाद मध्‍यरात्रि 11 बजकर 17 मिनट से 12 बजकर 04 मिनट तक। वर्ज्य काल सुबह 10 बजकर 07 मिनट से 11 बजकर 48 मिनट तक।

आज के उपाय : चमेली तेल में सिंदूर मिलकर हनुमानजी का लेपन करें और तिलक लगाएं।

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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