धर्मशाला : हिमाचल प्रदेश के नगर निगम धर्मशाला के चुनाव में शिक्षकों की ड्यूटियां लगाने में धर्मशाला उपमंडल प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। यहां मृत शिक्षक को पोलिंग अफसर की ड्यूटी दे दी गई है। दूसरी ओर सिरमौर जिले में शिक्षा विभाग का बड़ा कारनामा सामने आया है। विभाग ने खाली चल रहे कफोटा स्कूल के प्रधानाचार्य पद पर ऐसे शिक्षक को पदोन्नत कर भेजने के आदेश जारी किए, जिनकी लगभग डेढ़ वर्ष पहले मृत्यु हो चुकी है। प्रशासन और शिक्षा विभाग की इस लापरवाहियों से दोनों परिवारों की संवेदनाओं से खिलवाड़ हुआ है।
बताया जा रहा है कि धर्मशाला नगर निगम चुनाव में उन अध्यापकों की ड्यूटियां लगा दीं, जो पंचायती राज चुनाव के दौरान ड्यूटी पर थे। पोलिंग अफसर बनाए शिक्षक की हाल ही में बिजली गिरने से मौत हो चुकी है। जबकि, एक अध्यापक 31 मार्च को अपनी सेवाओं से सेवानिवृत्त हो रहा है, उसकी ड्यूटी भी चुनाव करवाने के लिए लगाई गई है। सहायक निर्वाचन अधिकारी धर्मशाला ने बताया कि ड्यूटी लगाने का जो डाटा लिया था, वह पुराना था। लिस्ट जांचने के बाद फाइनल ड्यूटियां देने वाले कर्मचारियों को चुना जाएगा। जो चूक हुई है, उसे दुरुस्त करेंगे।
उधर, सिरमौर जिले में शिक्षा विभाग ने खाली चल रहे कफोटा स्कूल के प्रधानाचार्य पद पर ऐसे शिक्षक को पदोन्नत कर भेजने के आदेश जारी किए, जिनकी डेढ़ वर्ष पहले मृत्यु हो गई है। शिक्षा विभाग ने शनिवार को 97 प्रधानाचार्यों की पदोन्नति की अधिसूचना जारी की है। इनमें 90 सीरियल नंबर पर धर्म चंद का नाम है। उन्हें विभाग ने नाया स्कूल के हेडमास्टर से पदोन्नत कर रावमापा कफोटा स्कूल में प्रधानाचार्य भेजा है, जिनकी मौत हो चुकी है।
कार्यवाहक प्रधानाचार्य रावमापा कफोटा सुरेश कुमार ने बताया कि उन्हें इस बारे में पता चला है कि प्रधानाचार्य पद पर नियुक्त हुए व्यक्ति की डेढ़ साल पहले मौत हो गई है। उधर, शिक्षा उपनिदेशक कर्म चंद ने बताया कि मामला उनके संज्ञान में नहीं है। ये नियुक्तियां शिक्षा निदेशालय से होती हैं। यदि ऐसा है तो मामला उच्च अधिकारियों के ध्यान में लाया जाएगा।