आप सभी को चैत्र पूर्णिमा एवं हनुमान जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-
1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)3:- नक्षत्र (Nakshatra)4:- योग (Yog)5:- करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
*शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
*नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
*योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
*करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचांग
27 अप्रैल 2021
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) – मंगलवार Mangalwar के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार Mangalwar को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।
*विक्रम संवत् 2078 संवत्सर कीलक तदुपरि सौम्य*शक संवत – 1943*कलि सम्वत 5123*अयन – उत्तरायण*ऋतु – बसंत ऋतु*मास – चैत्र माह*पक्ष – शुक्ल पक्ष*चंद्र बल – वृषभ, कर्क, कन्या, तुला, मकर, कुम्भ,
तिथि :- पूर्णिमा – 09:01 तक तत्पश्चात प्रतिपदा 28 अप्रैल 05:14 तक
तिथि के स्वामी – पूर्णिमा तिथि के स्वामी चन्द्रमा जी है।
हनुमान जन्मोत्सव चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। इस दिन को हनुमान जयंती भी कहते हैं।
शास्त्रों के अनुसार, हनुमान जन्मोत्सव कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी और चैत्र शुक्ल पूर्णिमा दोनों दिन मनाया जाता है। इस साल 2021 को चैत्र मास की शुक्ल पूर्णिमा 27 अप्रैल दिन मंगलवार को है। इस दिन हनुमान जी के साथ भगवान राम की भी पूजा की जाती है।
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी को बनारसी पान चढ़ाएं और हनुमान मंदिर में 11 काले उड़द के दाने, सिंदूर, फूल, चमेली का तेल, प्रसाद, गुलाब के फूल की माता आदि अर्पित करें। इसके बाद हनुमान चालीसा या फिर सुंदरकांड का पाठ करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के कष्ट और क्लेश नष्ट हो जाते हैं और जीवन में सुख-शांति और तरक्की बनी रहती है।
सफल दाम्पत्य जीवन के लिए प्रत्येक पूर्णिमा को पति-पत्नी में कोई भी चन्द्रमा को दूध का अर्ध्य अवश्य ही दें. ( दोनों एक साथ भी दे सकते है) , इससे दाम्पत्य जीवन में मधुरता बनी रहती है।
जिस भी व्यक्ति को जीवन में धन सम्बन्धी समस्याओं का सामना करना पड़ता है उन्हें पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय के समय चन्द्रमा को कच्चे दूध में चीनी और चावल मिलाकर “ॐ स्रां स्रीं स्रौं स: चन्द्रमासे नम:”
अथवा ” ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:. ” मन्त्र का जप करते हुए अर्ध्य देना चाहिए. इससे धीरे धीरे उसकी आर्थिक समस्या खत्म होती है.
नक्षत्र (Nakshatra)- स्वाती – 20:08 तक तत्पश्चात विशाखा, नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- स्वाती नक्षत्र के देवता समीर जी है। विशाखा नक्षत्र के देवता इन्द्र और अग्नि जी है। स्वाति नक्षत्र के देवता वायु और सरस्वती जी और स्वामी राहु जी है।
स्वाति नक्षत्र, नक्षत्र मंडल में उपस्थित 27 नक्षत्रों में 15वां है। स्वाति नक्षत्र राहु का दूसरा नक्षत्र है।
इस नक्षत्र का आराध्य वृक्ष : अर्जुन तथा स्वाभाव शुभ माना गया है। स्वाति नक्षत्र सितारे का लिंग महिला है। इस नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातक पर जीवन भर शुक्र एवं राहु ग्रह का प्रभाव बना रहता है।
इस नक्षत्र में जन्मा जातक धार्मिक, लोकप्रिय, बुद्धिमान, चतुर, परिश्रमी, अनुशासित, आध्यात्मिक होता हैं, सामन्यता इन्हे भूमि, भवन और पूर्ण सुख मिलता है। लेकिन यदि शुक्र ख़राब हो तो जातक क्रोधी, घमंडी, अति कामुक, मदिरा प्रेमी होता है उसको धन और स्त्री का सुख भी नहीं मिलता है ।
स्वाति नक्षत्र में पैदा हुई स्त्री सुन्दर, मिलनसार, धार्मिक, दयालु, दूसरो को जल्द प्रभावित करने वाली होती हैं। इनका पारिवारिक दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।
स्वाति नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 4 और 6, भाग्यशाली रंग, गहरा भूरा, काला, भाग्यशाली दिन शनिवार, सोमवार और मंगलवार माना जाता है ।
स्वाति नक्षत्र में जन्मे जातको को तथा जिस दिन यह नक्षत्र हो उस दिन सभी को “ॐ वायवे नमः”। मन्त्र माला का जाप अवश्य करना चाहिए ।
योग (Yog) – सिद्धि – 20:03 तक तत्पश्चात व्यतीपातप्रथम करण : – बव – 09:01 तकद्वितीय करण : – बालव – 19:07 तक
गुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल (Dishashool)- मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है। यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
सूर्योदय – प्रातः 05:40
सूर्यास्त – सायं 18:57
विशेष – पूर्णिमा के दिन स्त्री सहवास तथा तिल का तेल, लाल रंग का साग तथा कांसे के पात्र में भोजन करना मना है।
पर्व त्यौहार- चैत्र पूर्णिमा एवं हनुमान जयंती
आज का शुभ मुहूर्त - अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 53 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 31 मिनट से 03 बजकर 23 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 57 मिनट से 12 बजकर 40 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 41 मिनट से 07 बजकर 05 मिनट तक। अमृत काल दोपहर 12 बजकर 26 मिनट से 01 बजकर 50 मिनट तक रहेगा। त्रिपुष्कर योग अगली सुबह 05 बजकर 14 मिनट से 05 बजकर 43 मिनट तक।
आज का अशुभ मुहूर्त -राहुकाल दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 22 मिनट से 09 बजकर 15 मिनट तक रहेगा इसके बाद मध्यरात्रि 11 बजकर 14 मिनट से 11 बजकर 57 मिनट तक। वर्ज्य काल मध्यरात्रि 01 बजकर 03 मिनट से 02 बजकर 28 मिनट तक।
आज के उपाय : चमेली तेल में सिंदूर मिलकर हनुमानजी का लेपन करें और तिलक लगाएं।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।