कोरोना काल में जिन्होंने शादी में गाइडलाइन का ख्याल रखा उनकी शादी तो बिना बाधा के हो गई, लेकिन जिन्होंने प्रशासन को गच्चा देने की कोशिश की, वे खुद गच्चा खा गए। अगरतला के एक मैरिज हॉल में शादी की अच्छी-भली पार्टी चल रही थी। इसी बीच सिंघम की तरह पहुंच गए डीएम शैलेश यादव। शादी के समारोह में तय लोगों से ज्यादा भीड़ थी नाइट कर्फ्यू भी था लागू, पढ़े पूरी खबर विस्तार से..
शादी में मौजूद बारातियों की भीड़ के साथ पुलिसवालों को देखा तो डीएम भड़क गए। पहले तो बैंड वालों को वहां से भगाया। इसके बाद पुलिस वालों पर की सुस्त कार्यप्रणाली पर भड़क गए। दरअसल सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें डीएम साहब कोरोना के कारण लगे रात्रि कर्फ्यू में एक शादी समारोह को बेहद ही अभद्र व्यवहार करके रुकवा रहे थे, शादी में आए अतिथियों पर पुलिस से लठ चलवा रहे थे, दूल्हे व् उसके रिश्तेदारों से बेहूदगी से पेश आ रहे थे। इसके इलावा वायरल वीडियो में डीएम शैलेश यादव कहते हैं कि ‘शादी में उपस्थित सभी लोगों ने सीआरपीसी की धारा 144 का उल्लंघन किया है। सभी पर कार्यवाही की जाएगी।
शादी किसी हाई प्रोफाइल की थी जिसके चलते वीडियो वायरल होने के बाद त्रिपुरा के कई भाजपा विधायकों ने मुख्यमंत्री विप्लब देब को पत्र लिखकर डीएम शैलेश यादव को सस्पेंड करने की मांग की।
इस घटना के बाद पश्चिम त्रिपुरा की सांसद और भाजपा नेता प्रतिमा भौमिक ने कहा कि वह दुल्हन के रिश्तेदारों से मिलने जाएंगी और उनसे इस घटना के बारे में बात करेंगी। शादी समारोह में जो अभद्र व्यवहार हुआ वह सबसे ज्यादा अवांछित है ऐसा नहीं होना चाहिए था।
सुदीप रॉय बर्मन, आशीष कुमार साहा और सुशांत चौधरी सहित कई भाजपा विधायकों ने मुख्य सचिव मनोज कुमार को पत्र लिखकर डीएम को हटाने की मांग की थी। वायरल वीडियो में डीएम शैलेश यादव काफी गुस्से में भी दिखे। इस दौरान डीएम ने कोविड प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर रहे लोगों को वहां से भगा दिया। इतना ही नहीं डीएम शैलेश यादव ने दूल्हे को भी धक्के मारकर बाहर निकाल दिया। साथ ही डीएम शैलेश ने कई लोगों के साथ अभद्रता भी की। इस दौरान डीएम शैलेश यादव ने भाषाई स्तर पर भी सारी सीमाओं को लांघ दिया।
डीएम शैलेश यादव के कोप के शिकार तो शादी करवाने वाले पंडितजी भी हुए। डीएम ने उन्हें चाटा मार दिया। यही नहीं इस धमाचौकड़ी के बीच परिवारवालों ने जब शादी की अनुमति का पर्चा दिखाने की कोशिश की तो डीएम ने उस कागज के टुकड़े-टुकड़े कर दिए।
सोशल मीडिया पर कड़ी आलोचना होने के बाद डीएम शैलेश कुमार यादव ने माफ़ी मांगी, उन्होंने कहा कि शादी समारोह में जो कुछ अभद्र व्यवहार उनसे हुआ, उसके लिए मैं माफ़ी माँगता हूँ, मेरा इरादा किसी की भावनाओं को आहत या अपमानित करना नहीं था ।
बता दें कि कोविड के नियमों का कड़ाई से करवाना बेहद जरूरी है। देश व प्रदेशों में इन नियमों का पालन केवल आम आदमी तो थोड़ा बहुत कर रहा है लेकिन राजनीतिक दल व रसूकदार हाई प्रोफाइल लोग कोविड के नियमों की सरेआम धज्जियां उड़ा रहे है जिनकी लापरवाही से देश मे कोरोना के कहर जारी है। नेताओ की रैलियों में लाखों लोग तथा अमीरों की शादियों में हजारों लोग शिरकत कर रहें है। देश मे कानून केवल गरीबो पर लागू किया जाता है। राजनीति के धुरंदर कानून को ठेंगा दिखा रहे। गौर हो कि डीएम शैलेश कुमार यादव का शादी समारोह में शामिल लोगों से अभद्र व्यवहार करना सही नही था लेकिन कोरोना के कहर के चलते लगी धारा 144 तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई करना सही था। उन्हें कानून के तहत ही धारा 144 तोड़ने वालों को जुर्माना या दण्ड का निर्धारण करना चाहिए था।
गौरतलब है कि कोरोना काल में शादी के लिए हर राज्य ने नियम बनाए गए हैं। शादी में 50 से ज्यादा लोग नहीं होने चाहिए और अधिकतर राज्यों में शादी समारोह रात 10 बजे के बाद नहीं चलने चाहिए, लेकिन नेताओं और रसूखदारों की शादी में किस तरह नियमों की धज्जियां उड़ रही है यह आपने वायरल हो शादी की वीडियो में जरूर देखा होगा। शादी में सैकड़ों बराती थे न तो मास्क का ख्याल रखा गया और न ही इस शादी में कहीं सोशल डिस्टेंसिंग दिखाई दी और न ही धारा 144 का खयाल रखा गया था।