सोलन: महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल (एमएमयू) कॉलेज अस्पताल कुमारहट्टी में रविवार को एक बड़ी लापरवाही सामने आई। निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने उपचाराधीन बुजुर्ग कोरोना मरीज को मृत बताकर परिवार वालों को किसी और का ही शव थमा दिया। अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से सौंपे मृतक के सामान को जब श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार से पहले देखा तो उसमें किसी और की ही अंगूठी निकली। शक होने पर परिवार वालों ने पीपीई किट में लपेटे शव को संस्कार से पहले देखा तो शव किसी और का निकला।
सोलन: महर्षि मार्कंडेश्वर मेडिकल (एमएमयू) कॉलेज अस्पताल कुमारहट्टी में रविवार को एक बड़ी लापरवाही सामने आई। निजी अस्पताल के कर्मचारियों ने उपचाराधीन बुजुर्ग कोरोना मरीज को मृत बताकर परिवार वालों को किसी और का ही शव थमा दिया। अस्पताल के कर्मचारियों की ओर से सौंपे मृतक के सामान को जब श्मशानघाट पर अंतिम संस्कार से पहले देखा तो उसमें किसी और की ही अंगूठी निकली। शक होने पर परिवार वालों ने पीपीई किट में लपेटे शव को संस्कार से पहले देखा तो शव किसी और का निकला।
मरीज के परिजनों ने इसकी सूचना अस्पताल समेत स्थानीय प्रशासन को दी। प्रशासन की टीम ने मौके पर पहुंचकर शव वापस एमएमयू भिजवाया। प्रशासन ने जांच में पाया कि संबंधित परिवार का बीमार व्यक्ति जिंदा है। इस पर परिजनों ने खूब हंगामा किया। अस्पताल में उपचाराधीन जौणाजी क्षेत्र के बुजुर्ग के पोते जगदीप ठाकुर ने बताया कि तीन दिन पहले ही उनकी दादी की मौत हुई है, जिसके बाद वह अस्थियां प्रवाहित करने हरिद्वार गए थे।
शनिवार देर शाम अस्पताल से फोन आया कि उनके दादा की मौत हो गई है। वह अंतिम संस्कार के लिए शव ले जा सकते हैं। परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव लेकर चंबाघाट श्मशानघाट पहुंचे। जब अस्पताल से मिले दादा के सामान को देखा, तो उसमें एक अंगूठी निकली, जो उनके दादा की नहीं थी। शक के आधार पर जब उन्होंने शव को निकालकर देखा तो शव किसी और का निकला। जबकि दिया गया अन्य सामान उनके दादा का था।
कर्मचारियों ने गलत नाम की काट दी थी पर्ची
सीएमओ सोलन डॉ. राजन उप्पल ने बताया कि एमएमयू अस्पताल में संबंधित व्यक्ति का इलाज चल रहा था। वहां के कर्मचारियों की ओर से गलत पर्ची बनाने के कारण यह लापरवाही हुई। मामले की जांच की जा रही है। छानबीन के बाद सामने आया है कि मौत धनीराम की हुई है, जबकि केवल राम जिंदा हैं।