शिमलाः पिछले साल से क्रोना महामारी से उत्पन स्थिति के कारण लगातार दूसरे वर्ष पर्यटन सीजन पर्यटन व्यवसाइयों के हाथ से खिसकने के कारण अपनी इकाइयों को संचालित रख पाना न मुमकिन होता जा रहा है। पिछले वर्ष टूरिस्ट सीजन प्रारंभ होने से पहले ही क्रोना महामारी के चलते पर्यटन व्वसाय प्रभावित हुआ था तथा 6 से 7 महीने तक पर्यटन इकाइयाँ देश ब्यापि लॉक डाउन के चलते संपूर्णता बन्द रही थी। पिछले वर्ष अक्तूबर से थोड़ा बहुत काम चला था जिससे कुछ न कुछ खर्चे निकल रहा था तथा पर्यटन से जुड़े व्यसाईओं को इस वर्ष अच्छा टूरिस्ट सीजन लगने की उमीद जगी थी।
इसी के मध्य नजर होटलों , रेस्टॉरेंटो, तथा अन्य पर्यटन इकाइयों की मेंटेनेस पर खर्चा कर आने वाले सीजन की तैयारियाँ कर ली थी । परंतु कोविड कि दूसरी लहर दुबारा से टूरिस्ट सीजन शुरू होने से पहले ही दुबारा से आने से बंदिशों के चलते पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों की उम्मीद पर पानी फेर दिया है तथा उनकी मुश्किलें और बड़ा दी। सरकार की तरफ से कोइ अर्थोक मदत न मिलने के कारण किसी प्रकार भी अपनी बचत savings से पैसा खर्च करके तथा जो भी उनके पास सिक्योरिटी थी उसके अगेंस्ट बैंकों से ऋण लेकर पूरा वर्ष अपनी इकाइयों तथा अपने खर्चो को पूरा करते रहे। परंतु अब होटल तथा अन्य पर्यटन से जुड़े व्यवसाइयों के पास वर्किंग कैपिटल शुन्य हो गया है। इसी के चलते हमारी एसोसिएशन ने प्रदेश सरकार को पत्र लिख वर्किंग कैपिटल के रूप मे आर्थिक मदत की गुहार लगाई है।
पर्यटन से जुड़े उध्मियों को बैंकों से लिए ऋणों की व्यज तथा किस्तों का भुगतान कर पाना असंभव हो गया है इसके चलते हमारी एसोसिएशन ने केंद्र सरकार के वित्त मंत्रालय तथा RBI के गवर्नर को पत्र लिखकर गुहार लगाई है की मजूदा ऋणो की डिफेरमेन्ट की जाए तथा ऋणों को NPA होने से रोका जाए ।इसीके साथ कोविड की दूसरी लहर से हो रहे नुकसान से उबरने के लिए हिमाचल की पर्यटन इंडस्ट्री के लिए एक आर्थिक पैकेज दिया जाए। अप्रैल माह का वेतन तथा अन्य आवश्यक खर्चों इत्यादि का भुगतान मई में किसी तरह से कर दिया गया परंतु वर्किंग कैपिटल शून्य होने के कारण आगे ख़र्च कहा से वहन होगा ये सोच सभी उध्मियों को सत्ता रही है।
अभी कोविड की दूसरी लहर का प्रकोप देश व प्रदेश में कम होने में समय लग सकता है। पर्यटन उध्मियों ने अपनी इकाइयाँ बन्द रखी हुई है क्योंकि मजूदा बंदिशों के कारण न तो कोई पर्यटक हिमाचल का रुख कर रहा है तथा फ़ूड बिजनेस भी चल पाना मुश्किल है इसीलिए रेस्टोरेंट्स भी बंद पड़े है। हम सरकार द्वरा क्रोना चैन को तोड़ने के लिए उठाए जा रहे कदमों का समर्थन करते है। यदि इस महामारी से निपटने के लिए लॉक डाउन की अवधि को एक हफ्ता दस दिन आगे बढ़ाना पड़े तो पर्यटन उद्योग सरकार के साथ खडे है क्योंकि हम सबकी प्राथमिकता लोगो की जान बचाना है।
इसी के साथ हिमाचल के सबसे बड़े पर्यटन उद्योग जिस पर लाखों लोगों की जीविका आधारित है को भी बचाये रखना जरूरी है। हम माननीय मुख्यमंत्री जी से आग्रह करते है की शीघ्र अति शीघ्र पर्यटन से जुड़े व्यसाईओं को आर्थिक मदत की जाए ताकि पर्यटन इंडस्ट्री को बचाया जा सके।