शिमलाः हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के बहुचर्चित गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामले में दोषी चिरानी अनिल कुमार उर्फ नीलू को जिला एवं सत्र न्यायालय परिसर चक्कर में विशेष अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। वहीं, गुड़िया के माता-पिता कोर्ट के इस फैसले से नाखुश हैं। उन्होंने सीबीआई जांच पर सवालिया निशान लगाते हुए कहा कि यह अकेले चिरानी नीलू का काम नहीं हो सकता है। असली गुनहगार आज भी आजाद घूम रहे हैं। इस कृत्य के लिए तो फांसी की सजा भी कम है।
गुड़िया के माता-पिता ने कहा कि चार साल के बाद भी उनकी बेटी को इंसाफ नहीं मिला है। सीबीआई जांच शुरू होने के बाद उन्हें भरोसा था कि अब इंसाफ होगा। गुनहगार पकड़े जाएंगे, लेकिन सीबीआई ने भी उनका विश्वास तोड़ा है। अब हम मामले को हाईकोर्ट में लेकर जाएंगे। जब तक तक बेटी को इंसाफ नहीं मिलता, वह कानूनी लड़ाई लड़ते रहेंगे।
उन्होंने कहा कि सीबीआई ने सारे प्रकरण का गुनहगार चिरानी नीलू को बनाकर अपना पल्लू झाड़ लिया है, जबकि ऐसे जघन्य अपराध को एक व्यक्ति अंजाम नहीं दे सकता है। इस अपराध में एक से अधिक व्यक्ति शामिल थे। मामले की जांच ठीक से हुई होती तो आज असली गुनहगार सलाखों के पीछे होते। इसलिए मामले की फिर से जांच होनी चाहिए।
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