मंगलवार का पंचांग: 03 अगस्त 2021
हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :- 1. तिथि (Tithi) 2. वार (Day) 3. नक्षत्र (Nakshatra) 4. योग (Yog) 5. करण (Karan)
पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।
जानिए मंगलवार का पंचांग
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
*वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।
आज का पंचांग
03 अगस्त 2021
हनुमान जी का मंत्र : हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट् ।
।। आज का दिन मंगलमय हो ।।
दिन (वार) – मंगलवार Mangalwar के दिन क्षौरकर्म अर्थात बाल, दाढ़ी काटने या कटाने से उम्र कम होती है। अत: इस दिन बाल और दाढ़ी नहीं कटवाना चाहिए ।
मंगलवार को हनुमान जी की पूजा और व्रत करने से हनुमान जी प्रसन्न होते है। मंगलवार के दिन हनुमान चालीसा एवं सुन्दर काण्ड का पाठ करना चाहिए।
मंगलवार को यथासंभव मंदिर में हनुमान जी के दर्शन करके उन्हें लाल गुलाब, इत्र अर्पित करके बूंदी / लाल पेड़े या गुड़ चने का प्रशाद चढ़ाएं । हनुमान जी की पूजा से भूत-प्रेत, नज़र की बाधा से बचाव होता है, शत्रु परास्त होते है।
मंगलवार के व्रत से सुयोग्य संतान की प्राप्ति होती है, बल, साहस और सम्मान में भी वृद्धि होती है।
मंगलवार को धरती पुत्र मंगलदेव की आराधना करने से जातक को मुक़दमे, राजद्वार में सफलता मिलती है, उत्तम भूमि, भवन का सुख मिलता है, मांगलिक दोष दूर होता है।
*विक्रम संवत् 2078, *शक संवत – 1943*कलि सम्वत 5123*अयन – दक्षिणायण*ऋतु – वर्षा ऋतु*मास – सावन माह*पक्ष – कृष्ण पक्ष*चंद्र बल – वृषभ, मिथुन, कन्या, तूला, मकर, मीन,
तिथि :- दशमी – 12:59 तक तत्पश्चात एकादशी
तिथि के स्वामी – दशमी तिथि की स्वामी यमराज जी है ।
दशमी तिथि के देवता यमराज जी हैं। यह दक्षिण दिशा के स्वामी है। इनका निवास स्थान यमलोक है।
शास्त्रों के अनुसार यमराज जी मृत्यु के देवता कहे गए हैं। यह भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के पुत्र है, यमुना अर्थात (यमी) इनकी जुड़वां बहन और मनु इनके भाई कहे गए है। यमराज की पत्नी का नाम देवी धुमोरना तथा इनके पुत्र का नाम कतिला है।
यमराज जी का वाहन महिष / भैंसे को माना गया हैं। वे समस्त जीवों के शुभ अशुभ कर्मों का निर्णय करते हैं। इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है।
इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।
यमराज जी का समस्त रोगों को बाधाओं को दूर करने वाले मन्त्र :- “ॐ क्रौं ह्रीँ आं वैवस्वताय धर्मराजाय भक्तानुग्रहकृते नम : “॥ की एक माला का जाप अथवा कम से कम 21 बार इस मन्त्र का जाप करें । दशमी को परवल नहीं खाना चाहिए।
नक्षत्र (Nakshatra)- रोहिणी – 04 अगस्त 04:44 तक मॄगशिरा
नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- रोहिणी नक्षत्र के देवता धाता (ब्रह्मा), जी है ।
रोहिणी नक्षत्र, नक्षत्रों के क्रम में चौथे स्थान पर है तथा चंद्रमा का केंद्र माना जाता है। ‘रोहिणी’ का अर्थ ‘लाल’ होता है। इसे आकाश में सबसे चमकीले सितारों में से एक माना जाता है। यह 5 तारों का समूह है, जो धरती से किसी भूसा गाड़ी की तरह दिखाई देता है।
रोहिणी नक्षत्र का आराध्य वृक्ष जामुन और स्वभाव शुभ माना गया है ।
पुराण कथा के अनुसार रोहिणी चंद्र की सत्ताईस पत्नियों में सबसे सुंदर, तेजस्वी, सुंदर वस्त्र धारण करने वाली है। ज्यों-ज्यों चंद्र रोहिणी के पास जाता है, त्यों-त्यों उसका रूप अधिक खिल उठता है।
रोहिणी नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 1, 2, 3, 6 और 9, भाग्यशाली रंग सफेद, पीला और नीला तथा भाग्यशाली दिन शनिवार, शुक्रवार और बुधवार है।
आज रोहिणी नक्षत्र के बीज मंत्र “ऊँ ऋं ऊँ लृं” का 108 बार जाप करें इससे रोहिणी नक्षत्र को बल मिलेगा। रोहिणी नक्षत्र में घी, दूध, का दान करना चाहिए।
योग (Yog) – ध्रुव – 24:07+ तकप्रथम करण : – विष्टि – 12:59 तकद्वितीय करण : – बव – 04 अगस्त 04:11 तकगुलिक काल : – दोपहर 12:00 से 01:30 तक है ।
दिशाशूल : मंगलवार को उत्तर दिशा का दिकशूल होता है। यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से गुड़ खाकर जाएँ ।
राहुकाल (Rahukaal) दिन – 3:00 से 4:30 तक।
सूर्योदय – प्रातः 05:39
सूर्यास्त – सायं 17:15
विशेष – दशमी को कलम्बी का सेवन नहीं करना चाहिए।
आज का शुभ मुहूर्त 3 अगस्त 2021 :
अभिजीत मुहूर्त दोपहर 12 बजे से 12 बजकर 54 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 42 मिनट से 03 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्यरात्रि 12 बजकर 06 मिनट से 12 बजकर 49 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 06 बजकर 57 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक। अमृत काल रात्रि 10 बजकर 08 मिनट से 11 बजकर 56 मिनट तक रहेगा।
आज का अशुभ मुहूर्त 3 अगस्त 2021 :
राहुकाल दोपहर 03 बजे से 04 बजकर 30 मिनट तक। सुबह 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 25 मिनट से 09 बजकर 19 मिनट तक रहेगा इसके बाद मध्य रात्रि 11 बजकर 24 मिनट से 12 बजकर 06 मिनट तक। भद्राकाल सुबह 05 बजकर 44 मिनट से दोपहर 12 बजकर 59 मिनट तक।
आज के उपाय : चमेली तेल में सिंदूर मिलाकर हनुमानजी का लेपन करें और तिलक लगाएं।
“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी), आज के वार, आज के नक्षत्र (नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस पंचांग को सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।
आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।
हर संकट को दूर करने, सर्वत्र सफलता के लिए नित्य जपें हनुमान जी के 12 चमत्कारी नाम -
हनुमानजी बहुत शीघ्र ही प्रसन्न होने वाले देवता माने गए हैं। इनकी नियमित आराधना से कुंडली के सभी ग्रह दोष दूर हो जाते हैं। शनि की साढ़ेसाती, ढय्या और यदि कोई व्यक्ति मंगली हो तो इन सबके लिए हनुमानजी की पूजा को श्रेष्ठ बताया गया है।
शास्त्रों में हनुमानजी के बारह चमत्कारी नाम बताए गए हैं। इन नामों के जप से कठिन से कठिन समय में भी सकारात्मक फल मिलते हैं।
यदि किसी व्यक्ति के जीवन में बहुत परेशानियाँ हो, कार्यों में विघ्न आते हो, असफलताएँ मिलती हो, घर-परिवार में सुख-शांति ना हो, कोर्ट कचहरी, मुकदमो से परेशान हो, अनजाना भय सताता हो तो उस व्यक्ति को हनुमानजी के बारह चमत्कारी नामों का अवश्य ही जप करना चाहिए। रोज नियमित रूप से पूरी श्रद्धा के साथ हनुमानजी इन बारह नाम का जप करने किसी भी कार्य में आने वाली सभी बाधाएं दूर होती है ।
यह पूर्णतया सत्य है कि हनुमान जी के भक्तो को जीवन में दैहिक, दैविक और भौतिक किसी भी तरह के ताप अर्थात संकटो का सामना नहीं करना पड़ता है।
हनुमान जी के यह चमत्कारी 12 नाम है:-
1. ॐ श्री हनुमान,
2. ॐ श्री अंजनी सुत,
3. ॐ श्री वायु पुत्र,
4. ॐ श्री महाबल,
5. ॐ श्री रामेष्ठ यानी श्रीराम के प्रिय,
6. ॐ श्री फाल्गुण सखा यानी अर्जुन के मित्र,
7. ॐ श्री पिंगाक्ष यानी भूरे नेत्रवाले,
8. ॐ श्री अमित विक्रम,
9. ॐ श्री उदधिक्रमण यानी समुद्र को अतिक्रमण करने वाले,
10. ॐ श्री सीता शोक विनाशन यानी सीताजी के शोक का नाश करने वाले,
11. ॐ श्री लक्ष्मण प्राण दाता यानी लक्ष्मण को संजीवनी बूटी द्वारा जीवित करने वाले
12. ॐ श्री दशग्रीव दर्पहा यानी रावण के घमंड को दूर करने वाले।
इन बारह नामों में हनुमानजी के गुण प्रकट होते हैं। इन नामों के ध्यान/जप से बजरंग बली जी शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं।
मान्यता है कि प्रात: काल सो कर उठते ही बिस्तर पर बजरंग बलि के इन बारह नामों को 11 बार नाम लेने वाले व्यक्ति को दीर्घ आयु प्राप्त होती है।
दोपहर में भी नियत समय पर संकट मोचन के 12 नाम लेने वाले व्यक्ति को धन की कोई भी कमी नहीं रहती है।
जो जातक संध्या के समय में भी बजरंग बलि के इन 12 चमत्कारी नामो का उच्चारण करता है उसे सभी पारिवारिक सुख मिलते है।
रात्रि को सोते समय भी जो व्यक्ति पवन पुत्र के इन 12 दिव्य नामो का जाप करता है उसे कोई भी शत्रु परास्त नहीं कर पाता है ।
इसके अतिरिक्त दिन में जब भी समय मिलने पर इन 12 नामों का निरंतर जप करने वाले व्यक्ति की श्री हनुमानजी सभी दिशाओं से सभी संकटों से रक्षा करते है ।