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पंचांग

गुरुवार का पंचांग: 02 सितम्बर 2021; जाने आज का शुभमुहूर्त

September 02, 2021 06:38 AM

हिन्दू पंचांग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं :-

1:- तिथि (Tithi)2:- वार (Day)3:- नक्षत्र (Nakshatra)4:- योग (Yog)5:- करण (Karan)

पंचांग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचांग का श्रवण करते थे ।

जानिए आज गुरुवार का पंचांग

* शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।

* वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।

* नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।

* योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।

* करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।

इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना, पढ़ना चाहिए ।

आज का पंचांग

मंगल श्री विष्णु मंत्र :-

मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः।मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥

 दिन (वार) – गुरुवार के दिन तेल का मर्दन करने से धनहानि होती है । (मुहूर्तगणपति) गुरुवार के दिन धोबी को वस्त्र धुलने या प्रेस करने नहीं देना चाहिए ।

गुरुवार को ना तो सर धोना चाहिए, ना शरीर में साबुन लगा कर नहाना चाहिए और ना ही कपडे धोने चाहिए ऐसा करने से घर से लक्ष्मी रुष्ट होकर चली जाती है । गुरुवार को पीतल के बर्तन में चने की दाल, हल्दी, गुड़ डालकर केले के पेड़ पर चढ़ाकर दीपक अथवा धूप जलाएं । इससे बृहस्पति देव प्रसन्न होते है, दाम्पत्य जीवन सुखमय होता है ।

गुरुवार को चने की दाल भिगोकर उसके एक हिस्से को आटे की लोई में हल्दी के साथ रखकर गाय को खिलाएं, दूसरे हिस्से में शहद डालकर उसका सेवन करें। यदि गुरुवार को स्त्रियां हल्दी वाला उबटन शरीर में लगाएं तो उनके दांपत्य जीवन में प्यार बढ़ता है। और कुंवारी लड़कियां / लड़के यह करें तो उन्हें योग्य, मनचाहा जीवन साथी मिलता है।

गुरुवार को विष्णु जी की उपासना अवश्य करनी चाहिए, गुरुवार को विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ परम फलदाई है।

*विक्रम संवत् 2078, * शक संवत – 1943, *कलि संवत 5123* अयन – दक्षिणायण, * ऋतु – वर्षा ऋतु, * मास – भाद्रपद माह* पक्ष – कृष्ण पक्ष*चंद्र बल – मेष, मिथुन, सिंह, कन्या, धनु, मकर।

तिथि (Tithi) दशमी – 06:21 AM तक तत्पश्चात एकादशी

तिथि का स्वामी – दशमी तिथि के स्वामी यमराज जी और एकादशी तिथि के स्वामी भगवान विश्वदेव जी है।हिन्दू पंचांग के अनुसार भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 02 सितंबर को प्रात: 06 बजकर 21 मिनट से प्रारंभ हो रही है।

यह एकादशी तिथि अगले दिन 03 सितंबर को प्रात: 07 बजकर 44 मिनट तक रहेगी। चूंकि उदया तिथि 03 सितंबर दिन शुक्रवार को मिल रही है, इसलिए अजा एकादशी का व्रत 03 सितंबर को ही रखा जाएगा। और 2 सितम्बर को भी दशमी तिथि ही मान्य होगी ।

शास्त्रों के अनुसार यमराज जी मृत्यु के देवता कहे गए हैं। यह भगवान सूर्य और उनकी पत्नी संज्ञा के पुत्र है, यमुना अर्थात (यमी) इनकी जुड़वां बहन और मनु इनके भाई कहे गए है। यमराज की पत्नी का नाम देवी धुमोरना तथा इनके पुत्र का नाम कतिला है। यमराज जी का वाहन महिष / भैंसे को माना गया हैं।

यमराज जी समस्त जीवों के शुभ अशुभ कर्मों का निर्णय करते हैं। इस दिन इनकी पूजा करने, इनसे अपने पापो के लिए क्षमा माँगने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर होती हैं, निश्चित ही सभी रोगों से छुटकारा मिलता है, नरक के दर्शन नहीं होते है अकाल मृत्यु के योग भी समाप्त हो जाते है।

इस तिथि को धर्मिणी भी कहा गया है। समान्यता यह तिथि धर्म और धन प्रदान करने वाली मानी गयी है । दशमी तिथि में नया वाहन खरीदना शुभ माना गया है। इस तिथि को सरकार से संबंधी कार्यों का आरम्भ किया जा सकता है।

यमराज जी का समस्त रोगों को बाधाओं को दूर करने वाले मन्त्र :- “ॐ क्रौं ह्रीँ आं वैवस्वताय धर्मराजाय भक्तानुग्रहकृते नम : “॥ की एक माला का जाप अथवा कम से कम 21 बार इस मन्त्र का जाप करें ।दशमी को परवल नहीं खाना चाहिए।

नक्षत्र (Nakshatra)– आर्द्रा – 14:57 PM तक तत्पश्चात पुनर्वसु

नक्षत्र के देवता, ग्रह स्वामी- आद्रा नक्षत्र के देवता रुद्र (शिव) और नक्षत्र के स्वामी राहु जी है । आर्द्रा नक्षत्र आकाश मंडल में छठवां नक्षत्र है। यह मिथुन राशि में आता है और राहु का नक्षत्र है। आर्द्रा नक्षत्र कई तारों का समूह न होकर केवल एक तारा है। इसका आकार हीरे अथवा वज्र अथवा आँसू की तरह है। आद्रा नक्षत्र का आराध्य वृक्ष कृष्णागरू, काला तेंदू और नक्षत्र स्वभाव तीक्ष्ण माना गया है ।

आद्रा नक्षत्र में जन्मे जातको पर राहु का प्रभाव रहता है अत: इन्हे राहु का उपाय अवश्य करना चाहिए । इन्हे अनैतिक कार्यो से सदैव दूर रहना चाहिए अन्यथा इन्हे अपमान अपयश का सामना करना पड़ सकता है ।

आद्रा नक्षत्र के लिए भाग्यशाली संख्या 2, 4, 7 और 9, भाग्यशाली रंग, लाल और बैंगनी, भाग्यशाली दिन मंगलवार तथा गुरुवार का माना जाता है ।

आद्रा नक्षत्र में जन्म लेने वाले जातको को तथा सभी मनुष्यों को जिस दिन आद्रा नक्षत्र हो उस दिन ॐ रुद्राय नम: मन्त्र की एक माला का जप करना चाहिए, इससे आद्रा नक्षत्र के शुभ फल मिलते है ।

आर्द्रा नक्षत्र के जातक के लिए भगवान शिव की आराधना करना शुभदायक होता है। भगवान शिव के पंचाक्षरी मंत्र “ॐ नमः शिवाय” का जाप करना चाहिए. सोमवार का व्रत एवं जाप इत्यादि करना उत्तम फल प्रदान करने वाला होता है।

योग :- सिद्धि – 10:10 AM तक तत्पश्चात व्यतिपात

प्रथम करण :- विष्टि – 06:21 AM तक

द्वितीय करण :- बव – 07:07 PM तक तत्पश्चात बालव

दिशाशूल (Dishashool)– बृहस्पतिवार को दक्षिण दिशा एवं अग्निकोण का दिकशूल होता है । यात्रा, कार्यों में सफलता के लिए घर से सरसो के दाने या जीरा खाकर जाएँ ।

राहुकाल (Rahukaal)– दिन – 1:30 से 3:00 तक।

सूर्योदय – प्रातः 05:57

सूर्यास्त – सायं 06 :43

विशेष – दशमी को कदम्बी का सेवन नहीं करना चाहिए।

आज का शुभ मुहूर्त 2 स‍ितंबर 2021

अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 55 मिनट से 12 बजकर 46 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 27 मिनट से 3 बजकर 18 मिनट तक रहेगा। निशीथ काल मध्‍यरात्रि 11 बजकर 58 मिनट से 12 बजकर 43 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम 6 बजकर 29 मिनट से 6 बजकर 53 मिनट तक। सर्वार्थ स‍िद्धि योग दोपहर में 2 बजकर 57 म‍िनट से अगले दिन सुबह 6 बजे तक। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 29 म‍िनट से 5 बजकर 14 म‍िनट तक।

आज का अशुभ मुहूर्त 2 स‍ितंबर 2021 :

राहुकाल दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक। सुबह 6 बजे से 7 बजकर 30 म‍िनट तक यमगंड रहेगा। सुबह 9 बजे से 10 बजकर 30 म‍िनट तक गुलिक काल रहेगा। दुर्मुहूर्त काल सुबह 10 बजकर 14 मिनट से 11 बजकर 4 मिनट तक। उसके बाद दोपहर में 3 बजकर 18 मिनट से 4 बजकर 9 मिनट तक। भद्रा सुबह 6 बजे से 6 बजकर 21 म‍िनट तक।

आज के उपाय : विष्‍णु सहस्‍त्रनाम का जप करें और गाय को गुड़ और चने की दाल खिलाएं।

“हे आज की तिथि (तिथि के स्वामी ), आज के वार, आज के नक्षत्र ( नक्षत्र के देवता और नक्षत्र के ग्रह स्वामी ), आज के योग और आज के करण, आप इस गुरुवार का पंचाग, Guruwar Ka Panchag, सुनने और पढ़ने वाले जातक पर अपनी कृपा बनाए रखे, इनको जीवन के समस्त क्षेत्रो में सदैव हीं श्रेष्ठ सफलता प्राप्त हो “।

आप का आज का दिन अत्यंत मंगल दायक हो ।

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