हिमाचल : (हिमदर्शन न्यूज़); हिमाचल प्रदेश के एक शिक्षक ने शिक्षा के क्षेत्र में ऐसी क्रांति लाई है, जिसका डंका अब दुनिया के कई देशों में बज रहा है। शिमला जिले दूर दराज इलाके धरोगड़ा में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत प्रशिक्षित कला स्नातक शिक्षक वीरेंद्र कुमार ने देश विदेश के 80 हजार से ज्यादा छात्रों और शिक्षकों की लिखावट में सुधार कर शिक्षा के क्षेत्र में नईं क्रांति लाई है..
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मस्कट, ओमान: (ओ.पी.ठाकुर); खाड़ी देश ओमान में इंडियन सोशल क्लब ओमान के तत्वावधान में हिमाचल विंग ओमान ने ऑनलाइन सुलेख (Calligraphy) कक्षाओं का आयोजन अगस्त तथा सितंबर माह के प्रत्येक शुक्रवार और शनिवार को किया गया। इन कक्षाओं का लाभ हिमाचल विंग और इंडियन सोशल क्लब के सदस्यों द्वारा लिया गया। यू.ए.ई. के कई छात्र भी कक्षाओं में शामिल हुए। हिमाचल विंग के सयोजक संजीव शर्मा ने हिमदर्शन न्यूज को प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि ऑनलाइन सुलेख कक्षाओं को वीरेंद्र कुमार द्वारा मुफ़्त में उपलब्घ करवाया गया। जिसमे ओमान में हिमाचल विंग की सदस्या निशा ने इस आयोजन में ने बहुत सराहनीय कार्य करते हुए कर्णधार की सफल भूमिका निभाई।
वीरेंद्र कुमार शासकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धरोगरा, शिमला, हिमाचल प्रदेश में स्कूल शिक्षक के पद पर कार्यरत है। शिक्षा के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए उन्हें 2015 में राज्य पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। वह कुछ साल पहले से लिखावट में सुधार के लिए छात्रों और शिक्षकों की ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाएं ले रहे है और फिर करोना महामारी के दौरान लॉकडाउन ने उन्हें अपनी लिखावट में सुधार करने के लिए कई लोगों की मदद करने के लिए अतिरिक्त समय ऑनलाइन क्लास के माध्यम से दिया।
वीरेंद्र कुमार कहते हैं कि लिखावट सुपाठ्य और पढ़ने में आसान होनी चाहिए। शब्दों के बीच उचित संरेखण और अंतर होना चाहिए। लेखन शैली में एकरूपता बनी रहनी चाहिए।
वह अपनी सुलेख कक्षा में पहुंचे, चार स्ट्रोक नामतः, एप्रोच वॉक, रोलर कोस्टर स्टॉर्क, हिल्स एंड वैली स्ट्रोक और ओशन वेव स्ट्रोक। उनके अनुसार प्रतिदिन 15 मिनट के अभ्यास करने से व्यक्ति 15 दिनों में अपनी लिखावट में सुधार कर सकता है। उनके शिक्षण कौशल बहुत ही आसान और लक्ष्य उन्मुख हैं।
उन्होंने इस कौशल से कई शिक्षकों और छात्रों की मदद की है। उन्होंने अब तक 80, 000 शिक्षकों और छात्रों को सुलेख कक्षाओं द्वारा पढ़ाया है। उन्होंने कुछ किताबें लिखी हैं, शिक्षकों और छात्रों की मदद करना उनका एक लोक कल्याण के प्रति सराहनीय कदम है। वीरेंद्र कुमार एक अच्छे कलाकार भी हैं।