सामान्य वर्ग के पुलिस कर्मचारी एवं अधिकारी FIR पंजीकृत न करें या लापरवाही बरते, तो उन पर हो प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटीज एक्ट की धारा 4 के तहत कार्रवाई, पढ़े पूरी खबर..
शिमला : (हिमदर्शन समाचार); अखिल भारतीए युवा कोली समाज ( हिमाचल प्रदेश इकाई ) ने 27.07.2021 को माननीय मुख्यमंत्री से पुलिस डिपार्टमेंट को " अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति ( प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटीज ) एक्ट " के तहत स्टैंडिंग निर्देश जारी करने की प्रार्थना की थी। जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा 27.07.2021 को और प्रदेश के मुख्य सचिव ने 28.07.2021 को ईमेल द्वारा अतिरिक्त मुख्य सचिव ( होम ) को इस विषय में आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे।
मुख्यमंत्री कार्यालय ने इस विषय में 11.08.2021 को लिखित रूप में भी अतिरिक्त मुख्य सचिव ( होम ) को इस विषय में विचार करने के निर्देश दिए गए थे । हमें विश्वसनीय सूत्रों के माध्यम से पता चला है कि इस विषय को गंभीरता से लिया गया है और जल्दी ही आवश्यक निर्देश जारी किए जा रहें हैं ।
हालाँकि यदि सामान्य वर्ग के पुलिस कर्मचारी एवं अधिकारी FIR पंजीकृत नहीं करते हैं या लापरवाही करते हैं तो अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जन जाति ( प्रिवेंशन ऑफ़ एट्रोसिटीज ) एक्ट कि धारा 4 के तहत उनके खिलाफ कार्रवाई अम्ल में लाई जा सकती है। जिसे प्रस्तावित निर्देश में बखूबी लिया गया है ।
अखिल भारतीय कोली समाज के महासचिव ने बताया कि हमारी संस्था ने आज 20.11.2021 को माननीय मुख्यमंत्री , मुख्य सचिव , महानिदेशक हिमाचल प्रदेश पुलिस विभाग , अध्यक्ष भारतीए अनुसूचित जाति आयोग नयी दिल्ली एवं अध्यक्ष हिमाचल प्रदेश अनुसूचित जाति आयोग को पत्र लिख कर यह प्रार्थना की है कि यदि अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति के पुलिस कर्मचारी एवं अधिकारी “ अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति " के लोगों के अत्याचार में FIR रजिस्टर नहीं करते हैं या कोताही बरतते हैं तो उनके खिलाफ विभागीय अनुशाशनात्मक कार्रवाई की जाये ताकि पीड़ित को न्याय मिल सके ।