शिमला: (हिमदर्शन समाचार); महिलाओं की स्थिति को बेहतर बनाने, उन्हें विकास की मुख्य धारा में समान रूप से जोड़ने, शासन में महिलाओं के मुद्दों को प्रमुखता से उठाने तथा उनके क्रियान्वयन एवं प्रबोधन के उद्देश्य से शिमला के सेंट बेड्स कॉलेज के महिला प्रकोष्ठ ने समकालीन समाज में महिला सशक्तिकरण, महिला अधिकार और भारतीय नारीवाद से संबंधित विषयों पर परिचर्चा का आयोजन किया।
शिमला उच्च न्यायालय के अधिवक्ता नवलेश वर्मा ने सेंट बिड्स कॉलेज में आयोजित महिला अधिकारिता पर हुई परिचर्चा में भाग लिया। उन्होंने सविंधान में महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए दिए अधिकारों व विभिन्न कानूनों का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि देश भर में महिलाओं एवं बालिकाओं की स्थिति को ऊपर उठाने हेतु ध्यान दिया जा रहा है। भेदभावमुक्त समतापूर्ण समाज के निर्माण के लिए हम प्रतिबद्ध है। जहां महिलाऐं सशक्त हो और विकास के सभी निर्णयों की प्रक्रियाओं में उनकी बराबर की भागीदारी हो।
शिमला के सेंट बिड्स कॉलेज में आयोजित महिला अधिकारिता पर हुई परिचर्चा में हिमाचल प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष डेज़ी ठाकुर, शिमला उच्च न्यायालय में अधिवक्ता नवलेश वर्मा, और एचपीयू में एसोसिएट प्रोफेसर प्रियंका वैद्य ने भाग लिया। सेंट बिड्स की सहायक प्रोफेसर वंदना ठाकुर ने मुख्य भाषण दिया।