सोलन: (हिमदर्शन समाचार); अर्की विधानसभा उप-चुनाव के नतीजें को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं चल रही है। जहां तक इस उपचुनाव का प्रश्न है तो रतन पाल की उम्मीदवारी को लेकर चुनाव से लगभग 3 माह पहले ही दाड़लाघाट में एक बड़ी आमसभा अर्की कल्याण संस्था के संयोजक सुरेन्द्र ठाकुर एवं अध्यक्ष अमरनाथ कौशल ने आयोजित की थी । जिसमें गोविंद राम शर्मा बतौर मुख्यतीथि शामिल रहे।
इस बैठक में कुनिहार से जिला परिषद सदस्य अमर सिंह ठाकुर एवं ड़ुमैहर वार्ड से आशा परिहार, भाजपा के पूर्व मंडलाध्यक्ष बालकराम शर्मा, वरिष्ठ नेता विजय सिंह ठाकुर, जीतराम ठाकुर, नरेश गौतम, प्रविंदर ठाकुर, योगेश शर्मा, परगना मलौण से सौर पंचायत के प्रधान बृजलाल शर्मा और परगना रामपुर से भाजपा नेता अजित सिंह ठाकुर सहित कई अन्य वरिष्ठ भाजपा नेताओं पंचायत प्रतिनिधियों ने सर्वसम्मति से तथ्यों के आधार और जमीनी सतर से आम जनता की नब्ज टटोल कर रतनपाल की उम्मीदवारी का विरोध किया था ।
इस संदर्भ में सभी तथ्यों के आधार पर कहा गया की रतन पाल एक योग्य उम्मीदवार नहीं है उनका जो पिछले 4 वर्षों का कार्यकाल और जनता से अंहकारी व्यवहार रहा। उससे भाजपा के कार्यकर्ताओं तथा सभी प्रकार की संगठनात्मक कमजोरी का उल्लेख किया गया था तथा गोविंद शर्मा को उमीदवार बनाने की माँग की थी। इस मामले को भाजपा राष्ट्रीय और प्रदेश नेतृत्व के सामने रखकर अवगत करवाया गया था।
ज्ञापन में गोविंद राम शर्मा के साथ उपरोक्त भाजपा नेताओं ने हस्ताक्षर कर पार्टी नेतृत्व को ज्ञापन सौंपा था लेकिन इसके बावजूद भी रतनपाल को ही उम्मीदवार बनाया गया और नतीजे भी उसके अनुरूप आए । चुनावी नतीजों में गोविंद राम के पुश्तैनी गांव कड़ाया बूथ से जहां लीड आई वहीं साथ लगती हुई गोरी बूथ से भी लीड रही लेकिन दधोगी बूथ में कुछ अंतर से वह पीछे रहा , आशा परिहार कि डूमैहर बुथ से लीड रही, विजय सिंह ठाकुर के खनोल बूथ से भी लीड रही लेकिन रतनपाल के खास भाजपा के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य जयनंद शर्मा के भूमती बुथ से ओपी गांधी जी के सनाड़ी बूथ से भाजपा के पिछड़ने के साथ-साथ परगना मलौण से जिला भाजपा के उपाध्यक्ष राजेश महाजन एवं पूर्व मंडलाध्य्क्ष बाबूराम पंवार के बूथ जयनगर(बैहँदी)से भी भाजपा को हार का मुंह देखना पड़ा।
वहीं भाजपा की जिला उपाध्यक्ष कला ठाकुर के पारनु बुथ, जिला सचिव राकेश गौतम के सयार बूथ से तथा मंडल के दोनों महामंत्रियो यशपाल के कोलका बूथ , राकेश के डीनन बूथ से भी भाजपा पीछे रही, दो उपाध्यक्ष नीमचंद के थाच बुथ एवं सुनंदा गौतम के नव गांव बुथ तीनों सचिवों धनीराम के सहनाली बूथ, अनूप चौहान के हटनाली बुथ तथा विनोद कुमार के दिगल बूथ से भी भाजपा पीछे रही, को हार का सामना करना पड़ा और लोहारघाट में मंडल उपाध्यक्ष हरिकृष्ण बुथ से भाजपा को लीड दिलवाने में कामयाब रहे। जबकि मंडल अध्यक्ष डीके शर्मा के बूथ से कांग्रेस को लीड रही, संतराम उपाध्यक्ष के बम्बीरा बूथ से 5 वोट तथा पुरुषोत्तम कोषाध्यक्ष के चण्डी सेउड़ा बूथ से केवल मात्र 12 वोटों के अंतर से भाजपा आगे रही जबकि बाकी सभी मंडल के पदाधिकारी लीड दिलाने में नाकामयाब रहे , सभी 4 मोर्चा अध्यक्षों जिसमे युवा मोर्चा के अध्यक्ष महेंद्र चाखड़ बूथ से, किसान मोर्चा के अध्यक्ष जगदीश शुक्ला के दाडला बूथ से महिला मोर्चा की अध्यक्ष रीना के कोलका बूथ , रिखी राम SC मोर्चा के अध्यक्ष के जयनगर बूथ से भी भाजपा पीछे रही, जिला में महिला मोर्चा की महामंत्री उर्मिला के बातल बूथ, किसान मोर्चा के संतोष शुक्ला के डीनन बूथ से तथा अनुसूचित मोर्चा के प्रेम चोपड़ा पूर्व बी डी सी चेयरमैंन के कोटला बूथ से जहां पर माननीय मुख्यमंत्री जी के राजनीतिक सलाहकार एवम प्रदेश महामंत्री का ससुराल भी आता है वहां से भाजपा 106 बोट से पीछे रही।
भारतीय जनता युवा मोर्चा के तीनों सदस्यों भीम के सनयाढी बूथ, योगेश गौतम के जमरोटी बूथ, सोनू सोनी के अर्की बूथ से भी भाजपा लीड दिलाने में नाकामयाब रही। इस बार एक बात देखने योग्य थी कि भाजपा के सभी 6 पूर्व मंडल अध्यक्षों के बूथों से भाजपा को बढ़त नहीं मिली ओम प्रकाश गौतम के धुन्दन बूथ से, नर्वदेश गौतम के शहरोल बूथ , बालक राम के वरयाइली बूथ, सावित्री कश्यप के अर्की बूथ, कृष्ण चंद के बांजन बूथ से भी भाजपा को बढ़त नहीं मिली इससे भी अधिक नतीजों में देखने को मिला की हाल ही में निर्वाचित जिला परिषद की उपाध्यक्ष कमलेश पंवर के जयनगर बूथ से जिला परिषद सदस्य हीरा कौशल के कसयालु बूथ से तथा भुवनेश्वरी के सूरजपुर बूथ से लीड नहीं मिल पाई ।
इस प्रकार उम्मीदवार को लेकर जो आपत्तियां की गई थी वह सही साबित हुई क्योंकि खुद रतन पाल अपनी पंचायत डूमैहर को छोड़कर साथ लगती हुई पंचायत बातल, सानण देवरा, भूमती इत्यादि पंचायतों से बढ़त लेने में नाकामयाब रहे।
अमरनाथ कौशल ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से कहा कि उपरोक्त सारी परिस्थितियों को उन्होंने समयानुसार चुनावों से 4 महीने पहले ही हमने पार्टी नेतृत्व को अवगत करवा दिया था। मगर पार्टी ने हमारी बात को अनसुना किया। जिसका नतीज़ा शर्मनाक हार के साथ देखना पड़ा।
उन्होंने कहा कि पार्टी के भविष्य बेहतरी के लिए हमारा पून: सुझाव है कि पार्टी नेतृत्व तानाशाही रवैया छोडकर आम कार्यकर्ताओं की बात व सलाह के मध्यनजर भविष्य में किसी अन्य उम्मीदवार को चुनाव मैदान में उतारने का निर्णय ले ताकी पार्टी की सीट जीत सके।