शिमला : महंगाई के खिलाफ़ सीपीएम ने उपायुक्त कार्यालय से नाज़ तक निकाला जलूस, भाजपा सरकार को बताया आमजन विरोधी, पढ़े पूरी खबर..
शिमला: भारत की कम्युनिस्ट पार्टी(मार्क्सवादी) के द्वारा केंद्रीय कमेटी के आह्वान पर महंगाई के खिलाफ़ अभियान 15 नवम्बर से शुरू किया गया तथा 25 नवम्बर को प्रदेश भर में प्रदर्शन किया गया। शिमला शहर में भी प्रदर्शन किया गया और उपायुक्त कार्यालय से नाज़ तक जलूस निकाला गया। इस प्रदर्शन में जिला सचिव संजय चौहान, विजेंद्र मेहरा, फालमा चौहान, बालक राम, जगमोहन ठाकुर, अनिल ठाकुर, नेहा, जगत राम, बलबीर पराशर, किशोरी डडवालिया, विनोद बिसरांटा, चन्द्रकान्त, अमित आदि ने भाग लिया। आज यह प्रदर्शन प्रदेशभर में किया गया है।
आज देश व प्रदेश में भाजपा की सरकार के द्वारा जो नीतियां लागू की जा रही है उससे महंगाई में भारी वृद्धि हुई है। पेट्रोल व डीज़ल पर केंद्र सरकार के द्वारा निरन्तर उत्पाद शुल्क बढ़ाया जा रहा है। जिससे पेट्रोल व डीज़ल के दाम 110 रुपये से पार कर गये। वर्ष 2014 में जबसे मोदी की सरकार आई है पेट्रोल और डीजल पर कई गुणा उत्पाद शुल्क बढ़ाया है। वर्ष 2014 में सरकार सरकार उत्पाद शुल्क से 92000 करोड़ रुपए एकत्र करती थी और वर्ष 2020 में 3, 27, 000 करोड़ रुपए एकत्र किए गए। सरकार एक ओर कॉरपोरेट घरानों को छूट दे रही हैं। दूसरी ओर आम जनता पर टैक्स का बोझ डाला जा रहा है।
रसोई गैस की कीमतों में निरंतर वृद्धि की जा रही है। आज घरेलू गैस का सिलेंडर 1000 रुपये से ऊपर मिल रहा है और व्यवसायिक सिलिंडर 2200 रुपये से ऊपर मिल रहा है। सरकार की नीतियों से खाद्यान्न, खाद्य तेल, प्याज़, टमाटर व अन्य खाद्य वस्तुओं की कीमतों में भारी वृद्धि हो रही है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली से डिपो में मिलने वाले राशन में सब्सिडी में कटौती की जा रही है। बिजली, पानी, कूड़ा उठाने की फीस, प्रॉपर्टी टैक्स, बस किराया व अन्य सेवाओं की कीमतों में वृद्धि की जा रही है।
सीपीएम इन भाजपा सरकार की इन मजदूर, किसान व आम जनता विरोधी नीतियों को पलटने के लिये संघर्ष तब तक जारी रखेगी जब तक सरकार यह इनको पलट नहीं देगी।