शिमला: शिमला के चर्चित गुड़िया मर्डर केस में आरोपी सूरज सिंह की पुलिस हिरासत में हुई मौत के मामले में बुधवार को सीबीआई अदालत में सुनवाई हुई। सुनवाई में तीन गवाहों ने अपने बयान दिए। गुड़िया मर्डर केस के आरोपी सूरज सिंह समेत छह आरोपियों का नार्को और पॉलीग्राफ टेस्ट करने वाले डॉक्टर एचवी आचार्या और डॉक्टर अश्वनी सूद के बयान दर्ज किए गए। अगली सुनवाई पर दोनों डॉक्टर्स का क्रॉस एग्जामिनेशन किया जाएगा। इनके अलावा तीसरे गवाह अशीष चौहान की भी गवाही हुई।
गवाह अशीष चौहान ने अपने बयान में कहा कि 9 जुलाई 2017 को उसे गिरफ्तार किया गया था। कोटखाई के थाने में उसे जबरन नीट विस्की पिलाई, जिसके कारण उसे उल्टियां शुरू हो गईं। इस दौरान उसे नशा भी दिया गया। जबरन सिगरेट पीने को कहा गया। आरोपियों ने सिगरेट खुद भी पी। उसके बाद उसे उल्टा लटकाकर डंडे से पीटा और आरोप कबूल करने को मजबूर किया। गवाह ने कहा कि टॉर्चर करने के लिए आरोपियों ने नए-नए तरीकों का इस्तेमाल किया।डंडे से पीटने के बाद उसे इलेक्ट्रिक शॉक दिया गया, जिससे वह बेहोश हो गया। उसने कहा कि पिटाई से उसके कमर की हड्डी क्रैक हो गई जिसके कारण वह खड़ा भी नहीं हो पा रहा। सुनवाई के दौरान तीन आरोपियों पूर्व एसएचओ राजिंदर सिंह, रफीक अली और कांस्टेबल रंजीत स्टेटा की ओर से दायर जमानत याचिका को कोर्ट ने खारिज कर दिया है। मामले की अगली सुनवाई 24 अक्तूबर को होगी।