कर्नाटक में उग्र हिजाब विवाद के बीच केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा है कि हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। राज्यपाल ने कहा कि कुरान में हिजाब का सात बार जिक्र है, लेकिन महिलाओं के ड्रेस कोड के संबंध में नहीं। यह 'पर्दा' के संबंध में है, जिसका अर्थ यह है कि जब आप बोलते हैं तो आपके बीच में 'पर्दा' होना चाहिए।
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने यह भी कहा कि यह बेतुका है कि हिजाब पहनने की तुलना पगड़ी पहनने से की जा रही है। उन्होंने पगड़ी को सिख धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा बताया।
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "हिजाब इस्लाम का हिस्सा नहीं है। कुरान में हिजाब का सात बार उल्लेख किया गया है, लेकिन यह महिलाओं के ड्रेस कोड के संबंध में नहीं है। यह 'पर्दा' के संबंध में है, जिसका अर्थ है कि जब आप बोलते हैं, तो आपके बीच में 'पर्दा' होना चाहिए।"
उन्होंने कहा, "यह तर्क दिया जा रहा है कि पगड़ी पहनने की सिखों को अनुमति है लेकिन मुस्लिम लड़कियों को कक्षा के अंदर हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है। यह बेतुका है। पगड़ी सिख धर्म का एक अनिवार्य हिस्सा है। वहीं, हिजाब को कुरान में एक अनिवार्य भाग के रूप में वर्णित नहीं किया गया है।''
आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि पूरा विवाद मुस्लिम महिला की प्रगति को पटरी से उतारने की साजिश है। अपने बेबाक बयानबाजी से सुर्खियों में रहने वाले केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि इस्लाम के इतिहास में महिलाओं के घूंघट पहनने से इनकार करने के मामले पहले भी सामने आए हैं। खान ने अपनी बात को साबित करने के लिए एक युवा महिला की कहानी सुनाई, जिसे पवित्र पैगंबर का रिश्तेदार कहा जाता है।
जानिए आरिफ खान ने क्या कहानी सुनाई
केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, "मैं आपको सिर्फ एक उदाहरण बताऊंगा। एक युवा लड़की, जो खुद पैगंबर के घर में पली-बढ़ी थी और वह पवित्र पैगंबर की पत्नी की भतीजी थी। वह लौकिक रूप से सुंदर थी। उन्होंने कहा कि इतिहास यही कहता है, इसे पढ़िए। कहानी का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि जब मध्यकाल में महिला का पति कूफा का तत्कालीन गवर्नर था, तो हिजाब न पहनने के लिए उसे फटकार लगाई गई थी। भगवान ने उसे सुंदर बनाया था और सर्वशक्तिमान ने उस पर सुंदरता की मुहर लगा दी थी। खान ने कहा, "उसने कहा कि मैं चाहती हूं कि लोग मेरी सुंदरता देखें और मेरी सुंदरता में भगवान की कृपा देखें और भगवान का शुक्रगुजार रहें। इस तरह पहली पीढ़ी (इस्लाम की) की महिलाओं ने व्यवहार किया। मैं बस इतना ही चाहता हूं कहो।
गौरतलब है कि हिजाब विवाद पहली बार जनवरी में कर्नाटक के उडुपी के एक सरकारी प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में भड़का था, जहां छह छात्राओं ने निर्धारित ड्रेस कोड के उल्लंघन में हेडस्कार्फ़ पहनकर कक्षाओं में भाग लेने की कोशिश की थी। उन्हें परिसर छोड़ने के लिए कहा गया था। इसके बाद हिजाब को लेकर विवाद कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों में फैल गया। जवाब में कुछ छात्रों ने कॉलेज में भगवा शॉल ओढ़कर भी प्रतिक्रिया दी। हालांकि ऐसे भगवाधारी छात्रों को भी कक्षाओं में प्रवेश करने से रोका गया।