कोरोना महामारी के बीच क्रिप्टोकरेंसी सबसे ज्यादा चर्चाओं में रही है। इस वर्चुअल करेंसी ने बड़ी संख्या में निवेशकों को खूब मालामाल किया है लेकिन कम समय में मोटी कमाई के चक्कर में निवेशकों का पैसा भी डूब रहा है। खबर तो ये भी है कि भारत में नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो यानी एनसीबी क्रिप्टोकरेंसी के लेनदेन की जांच कर रही है। आशंका है कि इस करेंसी की आड़ में मादक पदार्थों का कारोबार किया जा रहा है।
मण्डी : (हिमदर्शन समाचार); भारत सहित दुनिया के कई हिस्सों में क्रिप्टोकरेंसी निवेशकों की तादात बढ़ने के साथ, इस क्षेत्र से संबंधित क्राइम व घोटालों की संख्या भी बढ़ गई हैं। हाल ही में हिमाचल के मंडी जिले में एक घटना सामने आई है, जहां क्रिप्टो करंसी में करोड़ों की धोखाधड़ी को लेकर बल्ह थाना में एक व्यक्ति की शिकायत पर एफआईआर दर्ज की गई है। जिसकी शिकायत पर एफआईआर दर्ज हुई है, उनका नाम मनोज कुमार पुत्र नानक चंद है जोकि बल्ह उपमंडल के गांव कुफरी डाकघर नागचला के रहने वाले हैं।
मनोज ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि दो लोगों के माध्यम से उसने ओनिक्स ट्रेडिंग कंपनी में अपना और अन्य बहुत से लोगों का पैसा इन्वेस्ट करवाया था। जिन दो लोगों के माध्यम से यह पैसा इन्वेस्ट करवाया था उन्होंने यह भरोसा दिलाया था कि अगर कंपनी डूब भी जाती है तो भी उनका प्रिंसिपल अमाउंट उन्हें हर हाल में वापिस मिल जाएगा। मनोज कुमार ने यह इन्वेस्टमेंट अगस्त 2020 में की और करवाई थी।
शिकायतकर्ता ने कहा है कि उसने अपनी और अन्य लोगों की करीब 15 से 20 करोड़ की इन्वेस्टमेंट करवा दी है। अब जब इन्होंने अपने पैसे वापिस मांगना शुरू किए तो इन्हें पैसा देने में आनाकानी की जाने लगी। अपने पैसों को डूबता देख अब उक्त व्यक्ति ने बल्ह थाना पुलिस में शिकायत दर्ज करवा दी है।
एएसपी विवेक चैहल ने मामला दर्ज होने की पुष्टि की है। उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता द्वारा दी गई शिकायत के आधार पर एफआईआर दर्ज कर दी गई है। अब मामले की जांच के बाद ही सारे तथ्य सामने आ पाएंगे। जिनपर आरोप लगे हैं उन्हें पूछताछ के लिए बुलाया जाएगा और जिन्होंने पैसा इन्वेस्ट किया है उन्हें भी बुलाकर पूछताछ की जाएगी, ताकि सारे मामले की तह तक जाया जा सके।