पहाड़ों की रानी शिमला में चल रहे समर फेस्टिवल का बुधवार को समापन हुआ। इस कार्यक्रम के मुख्यातिथि मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर रहे।समर फेस्टिवल की चौथी शाम पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा के नाम रही। उन्होंने एक से बढ़कर एक कई हिट गाने गाए। जिसमे नाच मेरी रानी, हाई रेटेड गबरू, इशारे तेरे कंगने दे जैसे गानों पर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। पंजाबी सिंगर गुरु रंधावा में अपने गानों से नेताओ और आलाधिकारियों का दिल जीत लिया। वहीं शिमला समर फेस्टिवल में उमड़े जनसैलाब में आवाजाही करने वाले लोगों को अनेक मुश्किलों का सामना करना पड़ा, कई बेहोश, जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही आई सामने, लोग बोले पहली बार देखा ऐसा अव्यवस्था का आलम, पैदल चलना हुआ मुश्किल, देखें पूरी खबर..
शिमला: शिमला ग्रीष्मोत्सव में अव्यवस्थाओं का आलम देखने को मिला है। समर फेस्टिवल के आखिरी दिन जिला प्रशासन के पुख्ता इंतजाम दिखाई नहीं दिए। शिमला रिज मैदान पर पंजाबी गायक को सुनने के लिए स्थानीय लोगो समेत पर्यटकों का जन सैलाब उमड़ पड़ा। यहां ग्रीष्मोत्सव में केवल वीवीआइपी और वीआईपी लोगों ने बैठकर ग्रीष्मोत्सव का लुत्फ उठाया बाकी आमजनों को ढेरों समस्याओं का सामना करना पड़ा।
जिला प्रशासन द्वारा ग्रीष्मोत्सव के लिए किए गए प्रबंधों में केवल वीवीआइपी को छोड़ कर हर जगह चूक नजर आई। सारा जिला प्रशासन और पुलिस कर्मचारी रंधावा देखने और आलाधिकारियों की चमचागिरी में लगे रहे।
नेताओं और अधिकारियों को गई व्यवस्था और आमजन को नजरअंदाज (अव्यवस्था) करने से साफ जाहिर हो रहा था कि शिमला ग्रीष्मोत्सव में करोड़ों का खर्चा केवल नेताओं और आलाधिकारियों के मनोरंजन के लिए किया जा रहा है। बता दें कि शिमला समर फेस्टिवल के आखिरी दिन अव्यवस्था का आलम ऐसा था कि लोगों को पैदल चलना हुआ भी मुश्किल हो गया, कई लोग बेहोश हुए, एम्बुलेंस को रास्ता न मिलने से मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ा।
कोरोना काल के दो साल बाद आयोजित ग्रीष्मोत्सव में जिला प्रशासन की बड़ी लापरवाही सामने आई है। लोगों का कहना है कि पहली बार शिमला ग्रीष्मोत्सव में इस तरह की अव्यवस्था का आलम देखने को मिला है जब रिज मैदान पर पैदल चलने वालों को जान हथेली पर रख कर चलना पड़ा।