सोलन /अर्की : (हिमदर्शन समाचार); सेालन जिले के अर्की उपमण्डल के अंतर्गत पढ़ने वाले बाड़ीधार में मनाए जाने वाले वार्षिक मेले के आयोजन के लिए बाड़ी मेला कमेटी ने पूरे जोरो पर काम शुरू किया हुआ है। इस साल 15 जून को आयोजित होने वाले इस मेले के लिए पानी, सडक, रास्ते, लाईट व अन्य व्यवस्था करने में मेला कमेटी के सभी सदस्य व स्थानीय पंचायत के प्रधान समेत सारे सदस्य रात दिन एक कर रहे है।
कोरोना के चलते बीते दो सालों के बाद इस बार बाड़ी मेला धूमधाम से मनाया जाएगा। इस एतिहासिक मेंले के आयोजन के लिए मेला कमेटी पहले की तरह इस वर्ष भी इस का आयोजन सुचारू रूप से करने के लिए भरपूर कोशिश कर रही है।
बताया जा रहा है कि इस साल इस मेले के लिए वाहनो की आवाजाही के लिए क्वालग सम्पर्क सड़क का भी प्रयोग किया जाएगा, जिस से वाहन एक रास्ते से बाड़ी मेले तक पहुॅचेगे और बाड़ी से क्वालग होते हुए वापिस निचे आ जाएगे जहाँ वाहन पार्क करने की व्यवस्था भी होगी जिससे ट्रैफिक जाम से भी निजात मिलेगी।
बाड़ी मेला कमेटी द्वारा 15 जून को आयोजित होने वाले बाड़ी मेले के लिए सभी प्रकार के प्रबन्ध कर रही है। बुइला, देवथल व सारमा में बाध्य वादन का प्रारम्भ मेले से करीब आठ दिन पहले शुरू हो जाता है, जो मेले के दिन तक हररोज सुबह दोपहर व शाम को बजाए जाते है। और इस अवसर पर पूरे इलाके के लोग अपने अपने घरो में बाड़ा देव के नाम पर धूप-दीप जलाते है और प्रार्थना करते है की इस क्षेत्र के सुख संन्तोष में देव कृपा बनी रहे।
बता दें कि बाड़ी मेला पांच पांडवों के आपसी मिलन को लेकर आयोजित किया जाता है। इस मेले के बारे में कई किॅववदतिया है लेकिन वास्तव में यह मेला पांच पांडवो के मिलन की कहानी दोहराता है। जहां पांच पाडव रात के समय मेले की पहली रात्रि को एकत्रित होते है। और दूसरे दिन इस मिलन की पुनरार्विती की जाती है।
बुईला दयोथल व सारमा से देवरथ तथा अन्दरोली व भेल से जल व धण्टी के रूप में पांच पांडवो का मिलन करवाया जाता है। रात्रि के समय सभी घरो से एक एक सदस्य इन देवरथो के साथ जा कर बाड़ी में जागरा करते है। यह जागरा/जगराता करना सभी ग्रामीण अपनी परम्परा के हिसाब से कई शताब्दियो से करते आए है। इस बार 14 जून को जगराता और 15 जून 2022 आषाढ़ संक्रांति को बाड़ी मेला मनाया जा रहा है।
बाड़ी मेला स्थल समुद्रतल से करीब सात हजार फीट की उँचाई पर स्थित है। बाड़ी मेले में आने वाले हजारों श्रद्वालु व पर्यटक यहाँ प्रकृति के सौन्दर्य का भी आन्नद उठाते है। इस वर्ष यह मेला धूम धाम के साथ मनाया जाएगा।
बता दें कि बीते कई वर्षों से मेले में देवताओ के रथो और मन्दिर में श्रद्धालुओं द्वारा चढ़ाई गई चढ़त के धनवितरण को लेकर कमेटी, पंडितों और जागरुओं में विवाद के चलते लोग इस मेले के सरकारीकरण करने की भी मांग करने लगे है।